शिक्षा मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है। शिक्षा मे ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है
शिक्षा, समाज एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है।
शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया।
1- आप इस तस्वीर में देख सकते है की मैडम स्कूल के अंदर सो रही है इनका काम बच्चों को पढ़ाना है ना कि स्कूल में आकर सोना बच्चे मैडम को देखकर खुश हो रहे हैं बेचारे बच्चे कर भी क्या सकते हैं मैडम डर जो है।
2- आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि टीचर के चारों तरफ बच्चे खड़े हुए हैं और टीचर सोने में इतना मस्त है कि उसे किसी की कोई परवाह नहीं है उसे सिर्फ सोने की परवाह है इसलिए सरकार को अलग से एक सिक्योरिटी रखना चाहिए जो इस प्रकार की घटना को रोक सके।
3- आप इस तस्वीर को देख सकते हैं कि एक मैडम चेयर पर अपने बच्चे सहित सो चुकी है यह नजारा बच्चों की भविष्य के लिए अच्छा नहीं है कोई भी मां बाप बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं ना कि खाली बैठने के लिए।
4- आप इस तस्वीर में दे सकते हैं कि छोटे-छोटे बच्चे टीचर की ओर देख रहे हैं कि टीचर कब उठेगा और हमारी पढ़ाई कर आएगा लेकिन टीचर सोने में कुछ ज्यादा ही व्यस्त है ऐसी तस्वीरें बच्चों के भविष्य के लिए अच्छी नहीं है।
5- आप इस तस्वीर को देख सकते हैं कि यह टीचर तो जमीन पर बैठे हुए बच्चों के साथ ही जमीन पर आकर सो गए ऐसे टीचर बच्चों के भविष्य के साथ अच्छा नहीं कर रहे हैं इसलिए अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ करना चाहिए ना कि इन टीचरों की तरह।