हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मासूम बच्चे के अपहरण प्रकरण में दिल को दहला देने वाला खुलासा हुआ है। यहां एक बहन ने अपनी चचेरी बहन के साथ मिलकर अपने डेढ़ वर्षीय सगे भाई की मौत की कहानी रच डाली। माता-पिता की अनुपस्थिति में भाई की परवरिश किया जाना इस बहन को इतना अखरा की मासूम बच्चे को गंगनहर में फेंककर उसे मौत के घाट उतार डाला।
दरअसल बीते 29 नवंबर को हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में घर में सो रहा एक डेढ़ साल का बच्चा अचानक गायब हो गया था। परिजनों की काफी ढूढ़खोज के बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं लग पाया। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मामले में अपहरण का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी थी। जिसके बाद पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी रही।
कोतवाली ज्वालापुर कैंपस में एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने पत्रकार वार्ता कर इस प्रकरण का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि ज्वालापुर पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरे चेक किए तब एक कैमरे में मासूम की 14 वर्षीय बहन अपनी 12 वर्षीय चचेरी बहन के साथ घटना के दिन सुबह एक सफेद रंग का बैग ले जाते हुए दिखाई दी। परिजनों को विश्वास में लेकर जब किशोरियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने अपना गुनाह कुबूल लिया।
आरोपी बहनों ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि 28 नवंबर की रात उन्होंने अपने भाई के दूध में नशीली दवा मिला दी थी। जिसके बाद अगले दिन यानी 29 नवंबर के तड़के उसे एक बैग के अंदर रखकर गंगनहर में फेंक दिया। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि इस घटना को अंजाम देने का मुख्य कारण माता-पिता की अनुपस्थिति में भाई की देखभाल करना था। एसएसपी के मुताबिक दोनों नाबालिग हैं, पुलिस अब दोनों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की तैयारी कर रही है।
प्रकरण के खुलासे से पहले बच्चे के अपहरण का आरोप परिजन ताई पर लगा रहे थे। देर रात मासूम से बड़ा भाई शौच के लिए गया था, इसलिए परिजन मुख्य दरवाजा खुला होने के कारण बच्चे के अपहरण के पीछे ताई का हाथ बताया जा रहा था। लेकिन सीसीटीवी कैमरे में दोनों बहनें आते जाते हुए दिखाई दीं तो मामला साफ हो गया और ताई पर लगाए आरोप गलत साबित हुए। इस प्रकरण के खुलासे के बाद क्षेत्र के लोग हतप्रभ है। हर किसी की जुबान पर यही चर्चा है। पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एएसपी आयुष अग्रवाल, कोतवाली प्रभारी योगेश सिंह देव, एसएसआई विकास भारद्वाज, रेल चौकी प्रभारी सुनील रावत मौजूद रहे।