देश में एक ओर शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वहीं तमिलनाडु के होजरी हब त्रिपुर शहर में तस्वीर इससे बेहद अलग है। जी हां. 15 लाख की आबादी वाले इस शहर में हर हाथ में रोजगार है जबकि काम की तलाश में पूरे भारत से यहां हर साल हजारों लोग आते हैं। इतना ही नहीं बल्कि, यहां काम कर रहे हर व्यक्ति की वार्षिक आय देश की औसत आय से ज्यादा है।
त्रिपुर शहर में करीब 5 पांच लाख छोटी-छोटी होजरी की यूनिट है और यहां के हर घर में होजरी का काम किया जाता है। त्रिपुर में देश-विदेश की कई नामी कंपनियां अपने अंडर गारमेंट और होजरी प्रोडक्ट का निर्माण कराती हैं। इन यूनिटों के लिए वर्कर उपलब्ध कराने वाले बंगाल के विवेक दास का कहना है कि, यहां 80 साल के वृद्ध को भी आसानी से काम मिल जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के लिए भारत की प्रति व्यक्ति औसत आय प्रति माह लगभग 10,534 रुपए है जबकि त्रिपुर में प्रति व्यक्ति की औसत आमदानी प्रति माह 15,000 रुपए के करीब है। इतना ही नहीं बल्कि यहां काम करने वाले की आय में हर साल 10 से 15 फीसदी तक की वृद्धि होती है। खास बात यह है कि, त्रिपुर में जापान की तर्ज पर काम होता है। सीजन के समय यहां 12 घंटे तक भी काम कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, त्रिपुर में छोटी-बड़ी होजरी यूनिटों में लगभग 5 लाख बाहरी वर्कर काम करते हैं। यहां करीब 2 लाख वर्करों की जरुरत हमेशा बनी रहती है। त्रिपुर में काम करने वाले लोगों में 70 प्रतिशत उत्तर भारत से हैं जिनमें सबसे ज्यादा असम, बिहार, यूपी, बंगाल और ओडिशा से आए हैं।