लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है कि अब उन्हें वेतन के साथ अलग से PLI भी मिलेगी। हालांकि यह प्रपोजल सरकारी बैंकों के लगभग 8 लाख कर्मचारियों के लिए है जो अगले वित्त वर्ष से लागू होगा। इन कर्मियों को अपनी सैलरी के अलावा परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव यानी PLI मिल सकता है। हालांकि इससे पहले बैंकों के मैनेजमेंट ने वेरिएबल पे या परफॉर्मेंस-लिंक्ड पे का प्रपोजल दिया था जिस पर बात नहीं बनती दिख रही। आपको बता दें कि वेरिएबल पे प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के कर्मचारियों को पहले से ही दिया जाता है।
बताया गया है कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की सैलरी पर मोलभाव करने वाली कमिटी ने पिछले सप्ताह PLI का प्रपोजल दिया था जिसको सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। बैंकों के वार्षिक रिजल्ट की घोषणा के बाद PLI को कैलकुलेट किया जा सकता है। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी पर द्विपक्षीय समझौता प्रत्येक पांच वर्षों में होता है। अभी सैलरी में बढ़ोतरी के 11वें समझौते पर बातचीत हो रही है जो कि 1 नवंबर, 2017 से लागू हो रहा है।
IBA के मुताबिक PLI को सैलरी में शामिल नहीं किया जाएगा। यह द्विपक्षीय समझौते में सैलरी में बढ़ोतरी से अलग होगा। IBA ने सैलरी में 12 पर्सेंट की वृद्धि की पेशकश की है, जबकि बैंक यूनियंस कम से कम 15 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए कह रही हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई सरकारी बैंकों ने पहले ही विशेष मापदंडों के आधार पर कर्मचारियों को रिवॉर्ड और इंसेंटिव देने की बात कही है। हालांकि लेकिन नया स्ट्रक्चर अलग होगा क्योंकि यह विशेष बैंकों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, कर्मचारियों के प्रदर्शन पर नहीं। फिलहाल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सैद्धांतिक तौर पर PLI के लिए सहमति दी है क्योंकि इससे सभी सरकारी बैंकों में स्ट्रक्चर एक समान हो जाएगा। इसके तौर तरीकों को अभी तय किया जाना है।