Home समाचार PMC बैंक के ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! अब निकाल सकेंगे 25000...

PMC बैंक के ग्राहकों के लिए बड़ी खबर! अब निकाल सकेंगे 25000 रुपए, पहले थी 10000 की लिमिट

39
0

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार शाम पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के डिपॉजिटर्स के लिए विड्रॉल लिमिट बढ़ाकर अधिकतम 25,000 रुपये कर दी. इसके पहले अगले 6 महीने के लिए यह लि​मिट 10,000 रुपये थी. यह दूसरा ऐसा मौका है जब पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्रीय बैंक ने ​डिपॉजिटर्स के लिए निकासी सीमा बढ़ाया है. इसके पहले 23 सितंबर को RBI ने पीएमसी बैंक ने निकासी सीमा को 1,000 रुपये ही किया था, जिसके बाद काफी आलोचना भी हुई थी.

देश के टॉप 10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक पीएमसी बैंक के पास कुल 11,600 करोड़ रुपये डिपॉजिट है. RBI ने इस बैंक में गड़बड़ी का पता चलने के बाद अपने तरफ से एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया है. बैंक के पुराने मैनेजमेंट पर मुंबई की आर्थिक अपराध विंग जांच कर रही है. गुरुवार को पीएमसी बैंक के दो निदेशकों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

RBI ने अपने बयान में कहा, ‘हमने एक बार फिर पीएमसी बैंक के लिक्विडेशन पोजिशन को रिव्यू किया है. इसके बाद फैसला किया है कि पीएमसी बैंक के डिपॉजिटर्स 6 महीने के प्रतिबंध के दौरान 25,000 रुपये तक निकाल सकते हैं.’
70 फीसदी डिपॉजिटर्स निकास सकेंगे पूरा पैसा
आरबीआई के इस फैसले के बाद करीब 70 फीसदी डिपॉजिटर्स अपने खाते ​से पूरा पैसा निकाल सकेंगे. केंद्रीय बैंक ने बताया है कि इस बैंक के अधिकतर खाताधरकों ने औसतन 10,000 रुपये तक जमा किया है. बैंक में कुल रिटेल​ डिपॉजिट 915 करोड़ रुपये है. ​बैंक नियामक ने आगे बताया कि उसने तीन सदस्यीय कमिटी नियुक्त की है ताकि वे जेबी भोरिया को असिस्ट कर सकें. रिजर्व बैंक पीएमसी बैंक की मॉनिटरिंग कर रहा है कि भविष्य में डिपॉजिटर्स के हित को ध्यान में रखते ​जरूरी कदम उठा सकता है.

दो निदेशकों को गिरफ्तार किया गया
गुरुवार को ही हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दो निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन दोनों निदेशकों का नाम राकेश कुमार वाधवान और सांरग वाधवान है, जिन्हें कथित तौर पर कंपनी में ​वित्तीय अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
35,000 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त
राकेश कुमार वाधवान HDIL के एग्जीक्युटिव चेयरमैन हैं. जबकि सांरग वाधवान कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं. गिरफ्तारी के साथ-साथ दोनों की करीब 35,000 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई है. बता दें कि इसके पहले सरकार ने दोनों निदेशकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. सरकार ने इमिग्रेशन अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वो इस बात पर नजर बनाएं रखें कि कहीं दोनों निदेशक देश छोड़कर न भाग जाएं.