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खेती के लिए किसानों को नहीं खरीदने पड़ेंगे महंगे उपकरण, ओला-उबर की तरह ले सकेंगे किराये पर

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वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें किराये पर महंगी मशीनरी और उपकरण उपलब्ध कराने का इंतजाम किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को सीएचसी फार्म मशीनरी मोबाइल एप लांच किया। इससे पहले ट्रैक्टर की बुकिंग से लिए भी एप जारी किया जा चुका है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एप इस मौके पर कहा कि इसके जरिये किसान अपने खेत के 50 किलोमीटर दायरे में उपलब्ध खेती के उपकरण को मंगा सकेंगे। भारत की भाषाई विविधता को देखते हुए एप को बहुभाषी बनाया गया है। यह एप हिंदी और अंग्रेजी समेत 12 भाषाओं में उपलब्ध है। तोमर ने कहा कि मंत्रालय ने सभी कृषि मशीनरी कस्टम सेवा प्रदाताओं और किसानों को एक मंच पर लाने के लिए एंड्रायड प्लेटफॉर्म पर मोबाइल फोन एप विकसित किया है।

अब तक 40 हजार केंद्र पंजीकृतकृषि मंत्री ने कहा कि इस मोबाइल एप्लीकेशन पर अभी तक 40 हजार से भी अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर पंजीकृत हो चुके हैं। इनके पास 1.20 लाख से भी अधिक उपकरण उपलब्ध हैं। कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे आम किसानों, कम जोत वाले सीमांत किसानों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि वे ज्यादा महंगे उपकरण खरीद नहीं सकते। इन उपकरणों के उपयोग से किसानों की लागत कम होगी, उपज बढ़ेगी और उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा।

किसान ऐसे करें आवेदनअगर किसी किसान को कृषि यंत्रों पर छूट के लिए आवेदन करना है, तो वह सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर आवेदन कर सकता है। यहां किसान अपनी पसंद का यंत्र सीएससी संचालक को बता सकता है, जिसके बाद सीएससी सेंटर संचालक एक आवेदन नंबर किसान को देगा। इसके साथ ही किसान साइबर कैफे आदि से भी आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए किसान को एग्री मशीनरी.इन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड के बाद आपको भाषा चुननी होगी फिर अगले स्टेप में सेवा प्रदाता और किसान या उपयोगकर्ता का विवरण दिख जाएगा।

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी की सुविधासरकार जरूरतमंद किसानों को कृषि उपकरण मुहैया कराने के लिए सब्सिडी सुविधा भी दे रही है। अगर किसान द्वारा कृषि यंत्र का पूरा भुगतान कर दिया गया है, तो वह सब्सिडी का पैसा अपने खाते में ले सकता है। इसके अलावा अगर वह दुकानदार को देना चाहता है, तो एक लिखित प्रार्थना पत्र देना होगा और सब्सिडी का पैसा दुकानदार के खाते में चला जाएगा। इसके अलावा किसान और दुकानदार की सहमति पर सब्सिडी का पैसा कृषि यंत्र निर्माता कंपनी के खाते में भी भेजा जा सकता है। किसानों के लिए ऑनलाइन आवेदन को पोर्टल खोल दिया गया है। हालांकि, किस यंत्र पर कितनी छूट दी जाएगी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।