वीवीआइपी ड्यूटी व अन्य व्यस्तता के बहाने थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर अब दोषी पुलिसकर्मियों की खैर नहीं। तोरवा में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करने का मामला सामने आने के बाद नाराज एसपी ने सभी थानेदार व पुलिस अफसरों को परिपत्र जारी कर चेतावनी दी है।
शहर के साथ ही जिले में इन दिनों पुलिसकर्मी अपने मूल काम को भूलकर अन्य दूसरे काम में ज्यादा व्यस्त हो गई है। आलम यह है कि चोरी जैसे गंभीर मामलों में एफआइआर दर्ज करना तो दूर पुलिसकर्मी जांच करने में भी कोताही बरत रहे हैं। इस तरह के मामलों को एसपी प्रशांत अग्रवाल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले के सभी थाना व चौकी प्रभारी के साथ ही राजपत्रित अफसरों को परिपत्र जारी किया है। इसमें उन्हें निर्देशित किया गया है कि थाने में आए प्रार्थी की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि थाना प्रभारी की गैरमौजूदगी व अन्य कार्यों में व्यस्तता बताकर कर्तव्य के प्रति उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस तरह की शिकायत मिलने पर उन्होंने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
आम बात हो गई है पीड़ितों से दुर्व्यवहार
डीजीपी डीएम अवस्थी ने पहले ही फरमान जारी किया है कि थानों में आए पीड़ितों से दुर्व्यवहार न किया जाए। उनकी शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। लेकिन डीजीपी के इस आदेश का थानों में कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। थानों में शिकायतकर्ताओं के साथ अभद्रता आम बात हो गई है।
एक दिन पहले हवलदार को किया निलंबित
मालूम हो कि दो दिन पहले शहर में सीएम के आगमन व वीवीआइपी ड्यूटी की व्यस्तता बताकर तोरवा पुलिस ने चोरी के मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। इस मामले के सामने आने के बाद नाराज एसपी अग्रवाल ने थाना प्रभारी को फटकार लगाई। इसके साथ ही उन्होंने जिम्मेदार हवलदार रोहित भारद्वाज को निलंबित कर दिया। एसपी अग्रवाल ने इस मामले की जांच के लिए सिविल लाइन सीएसपी को जिम्मेदारी दी है। उन्हें जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने कहा गया है।