छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों में विशिष्ट पहचान बना चुके धान, लाल चावल, काला चावल, आर्गेनिक विष्णुभोग चावल समेत सुगंधित धान की पारंपरिक किस्में व कोदो, कुटकी, रागी जैसी पारंपरिक और बहुमूल्य फसलों की पहचान अब देश भर में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी बनेगी। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने तीन दिवसीय आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे एक तरफ जहां बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, वहीं क्रेता सीधे किसान से संपर्क कर कृषि उत्पादों की खरीदी कर सकेगा।
किसानों को अधिक मूल्य मिलने के साथ ही उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 20 से 22 सितंबर 2019 के मध्य रायपुर के निजी होटल में अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेताओं का सम्मेलन का आयोजन छग राज्य कृषि उपज मंडी द्वारा किया जा रहा है। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की कृषि उपज, वनोपज, हैण्डलूम कोसा इत्यादि उत्पादों के प्रोत्साहन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए 16 देशों के अंतरराष्ट्रीय स्तर के लगभग 60 क्रेता एवं देश के अन्य प्रदेशों से लगभग 60 क्रेताओं तथा प्रदेश से लगभग 120 विक्रेताओं भाग लेंगे।
तीन कृषि जलवायु में बंटा
छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे वन, खनिज संपदा, जलसंसाधन, कृषि संपदा आदि से परिपूर्ण है। राज्य को तीन कृषि जलवायु क्षेत्रों यथा छत्तीगसढ़ का मैदानी भाग, बस्तर का पठार एवं उत्तर का पहाड़ी क्षेत्र में बांटा गया है। राज्य में विविध प्रकार के कृषि एवं उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जाता है। छग राज्य धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है। राज्य में धान के धान के विभिन्ना गुणों वाले लगभग 23000 किस्मों का जर्मप्लास्म संरक्षित है।
जैविक खेती को बढ़ावा पांच जिले में
राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के पांच जिलों दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर, एवं गरियाबंद को पूर्ण जैविक तथा 22 जिलों के एक-एक विकासखंड को जैविक विकासखंड घोषित किया गया है। इससे निश्चित रूप से वनांचल क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा एवं कृषक उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। 20 और 21 सितंबर 2019 को आमंत्रित क्रेता एवं विक्रेता के बीच चर्चा, अनुबंध, एमओयू इत्यादि संपन्ना होंगे तथा 22 सितंबर को सामान्य जनमानस के लिए प्रदर्शन के अवलोकन तथा क्रय विक्रय के हेतु खुले रहेंगे।