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छत्तीसगढ़ : शादी के 15 वर्ष बाद तलाक की नौबत, बच्चों का बंटवारा हो गया, फिर ऐसे हो गए एक

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केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड नई दिल्ली महिला बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से संचालित एमएसवीपी परिवार परामर्श केंद्र ने शादी के 15 साल बाद 5 माह से अलग-अलग रह रहे अनूपपुर मध्यप्रदेश निवासी दंपति के चेहरे की मुस्कान लौटाई। दोनों खुशनुमा माहौल में परिवार परामर्श केंद्र से विदा हुए।

एक समय ऐसा था कि महेंद्र और अर्चना एक दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते थे। दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर ऐसी लड़ाई होती थी कि कब सिर फुटौव्वल की स्थिति बन जाए कहना मुश्किल था।

इनका घरेलू विवाद घर की चहारदीवारी से बाहर आ चुका था। उन्होंने अपनी समस्या के निवारण के लिए मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस थाना, महिला आयोग सहित सभी जगह केस लगाया लेकिन न्याय से वंचित रहे। स्थिति ऐसी हो गई थी कि बच्चों का भी बंटवारा हो गया था।

मानव संसाधन संस्कृति विकास परिषद्, परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान दोनों ने एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान किया और बीती बातों को भूलकर एक साथ जीवन बसर करने के लिए राजी हुए।

परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से अर्चना महेंद्र की विशेष काउंसलिंग में डॉक्टर मीरा शुक्ला, सी. गिरिजा व माधुरी की अहम भूमिका रही। एमएसवीपी की डायरेक्टर डॉ मीरा शुक्ला के मार्गदर्शन में दोनों पक्षों को अलग-अलग बुलाकर उनकी गलतियों से भी अवगत कराया गया।

दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने की सीख दी गई। इसके बाद दोनों एक साथ एक छत के नीचे रहने के लिए तैयार हुए। खुशी के मौके पर चॉकलेट खिलाकर साथ में मूवी देखने के लिए इन्हें भेजा गया। इसके बाद इन्हें अपने घर अनूपपुर जाने के लिए विदा किया गया।

ऐसे पहुंचे फैमिली काउंसलिंग के लिए

पारिवारिक उलझनों के बीच मानसिक तनाव झेल रहे महेंद्र को एक दिन न्यायालय में एमएसवीपी परिवार परामर्श केंद्र के डायरेक्टर मीरा शुक्ला के बारे में जानकारी मिली। कई परिवारों की काउंसलिंग के बाद घर बसने की जानकारी मिलने पर उन्हें फैमिली काउंसलिंग सेंटर में संपर्क करने के लिए कहा गया।

यहां उन्होंने अपना केस पंजीकृत करवाया। लगातार पांच से सात बार की काउंसलिंग आमने सामने होने के बाद दोनों की अलग-अलग फोन पर भी काउंसलिंग हुई। इसके बाद सफलता रंग लाई और इन्होंने सहर्ष जीवनसाथी के रूप में रहना स्वीकार किया।