कुछ सीखने के लिए उम्र बाधा नहीं होती। जज्बा हो तो कभी भी सफलता हासिल की जा सकती है। खुद के आत्मविश्वास पर कायम रहें तो मंजिल की चुनौती भी आसान हो जाती है। ऐसी ही कुछ कहानी है बालोद जिले की महिलाओं की। दुरपा साहू, निर्मला पटेल, पुनिया बाई साहू और अनिशा बेगम की। चारों महिलाओं में पढ़ने और तकनीक सीखने की इत कदर इच्छा शक्ति थी कि उन्होंने उम्र के बंधन को 60 की उम्र में कम्प्यूटर की शिक्षा हासिल की।
खास बात है कि चारों महिलाएं निरक्षर थीं। अक्षरों का ज्ञान न होने की मिथ्या को तोड़ कर महिलाओं ने डिजिटल शिक्षा को अपेक्षा ज्ञान को विस्तार दिया। खुद तो डिजिटल साक्षर हुईं ही, साथ ही 30 अन्य महिलाओं को भी जोड़कर डिजिटल साक्षर किया।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राज्य सरकार और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तत्वावधान में पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के नए सभागार में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सभी नव डिजिटल साक्षर और ई-एजुकेटर्स को पुरस्कार दिया।
ऑनलाइन चीजों की जानकारी के लिए सीखा कंप्यूटर
महिलाओं ने नईदुनिया से बातचीत में बताया कि ऑनलाइन चीजों और महिलाओं को डिजिटल शिक्षा देने के लिए डिजिटल साक्षर अभियान से जुड़ीं। अब कंप्यूटर में एमएस ऑफिस, पावर पाइंट, एक्सल, पेंट ब्रस और अन्य चीजों को आसानी से चला लेती हैं। साथ ही हिंदी में टाइप कर गूगल में कई चीजों की जानकारी ले लेती हैं। वहीं ईपेमेंट करना भी सीख लिया है।
प्रदेश की हर महिला बनेगी डिजीटल साक्षर- प्रेमसाय
आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी कार्यक्रम के अंतर्गत डिजिटल साक्षरता का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उनकी बेहतर सोच को साकार करने के लिए प्रदेश की हर महिला को डिजिटल साक्षर बनाया जाएगा, ताकि हम डिजिटल क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
ई-एजुकेटर्स व डिजिटल नवसाक्षरों का किया गया सम्मान
आयोजन में बतौर अतिथि रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा, पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय, ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा वर्मा, रायपुर महापौर प्रमोद दुबे, स्कूल शिक्षा सचिव गौरव द्विवेदी, कलेक्टर एस. भारतीदासन, विशेष सचिव सौरभ कुमार और अन्य अधिकारी मौजूद थे। मौके पर 68 संस्थाओं और नव साक्षरों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।