भगवान गणेश का बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा स्थित 11वीं शताब्दी का श्रीसिद्धी विनायक मंदिर एक मात्र ऐसा हैं, जहां पर 282 स्वर्ण शिखर हैं। यहां कृष्ण जन्मोत्सव की तरह गणेश जन्मोत्सव को मनाने की भी परंपरा है। इस मौके पर मंदिर में भगवान गणेश को पालने में झुलाया जाता है।
मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि गणेश उत्सव पर पूजा अर्चना के लिए साल भर पहले से बुकिंग हो जाती है। खास बात यह है कि यहां विराजे गणेशजी की प्रतिमा पहले एक इमली के पेड़ के नीचे थी। इसलिए इस मंदिर को आमलिया गणेश मंदिर भी कहा जाता है।
मूर्ति के पीछे चांदी का वर्क
10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत में सोमवार को गणेश चतुर्थी पर सुबह 5.30 बजे से विधि विधान के साथ महापंचामृत मस्तकाभिषेक किया गया। इसके बाद 7 बजे से श्रृंगार एवं मंगला आरती, दोपहर 12 बजे गणेश जन्मोत्सव मनाया। दोपहर 1 बजे महा पूजा एवं सहस्त्रावर्तन के बाद शाम 4 बजे से भजन-किर्तन, महाआरती व प्रसाद वितरण किया गया।