छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति की जांच में तेजी आने के बाद दागी अफसरों और नेताओं की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। प्रदेश स्तरीय छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को फर्जी पाया है। छानबीन समिति के अधिकारियों ने बताया कि किसी अधिकारी या राजनेता की जाति फर्जी पाए जाने पर सजा से लेकर रिकवरी का प्रावधान है। लोक सेवक के रूप में जो भी सुविधाएं, वेतन भत्ते और अन्य लाभ लिए हैं, उसका वापस भुगतान करना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 में सजा का स्पष्ट प्रावधान है। छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में 129 अधिकारियों के खिलाफ फर्जी जाति का मामला चल रहा है। वहीं प्रदेश के 16 नेताओं के खिलाफ भी उच्च स्तरीय छानबीन समिति में जांच चल रही है। उच्च स्तरीय छानबीन समिति के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में फैसला आने के बाद अब उनकी विधायकी भी खतरे में है। जोगी आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसे में उनको विधायक के पद से भी हटना पड़ सकता है।
जोगी की जाति के मामले में बनी उधा स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2011 में जोगी की जाति की छानबीन के लिए उधा स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के गठन का निर्देश दिया था। तब छानबीन समिति ने जोगी को जारी कंवर अनुसूचित जनजाति से संबंधित जाति प्रमाण पत्रों को विधि संगत नहीं पाया था। इसके बाद जोगी के जाति प्रमाण पत्रों को जून 2017 में निरस्त कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने छानबीन समिति का आदेश निरस्त करते हुए एक बार फिर समिति का गठन करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के बाद राज्य शासन ने फरवरी वर्ष 2018 में समिति का पुनर्गठन किया था।
जब्त किया जा सकता है जाति प्रमाण पत्र
नियम 2013 के नियम-23 (5) के प्रावधान के अनुसार मिथ्या सामाजिक प्रमाण पत्रों को जब्त किए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उधा स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के सतर्कता प्रकोष्ठ के उप पुलिस अधीक्षक को अधिकृत किया गया है।
फर्जी जाति के 580 मामलों की हुई जांच
छानबीन समिति ने फर्जी जाति के 580 मामलों की जांच की है। इसमें 220 जाति प्रमाण पत्र सही भी पाए गए हैं। जबकि 245 जाति प्रमाण पत्र गलत पाए गए। समिति ने जिनकी जाति को गलत पाया, उसमें से 90 फीसद मामले कोर्ट में हैं। जबकि 115 मामलों की जांच अभी चल रही है।
फैक्ट फाइल
छानबीन समिति इन मामलों की कर रही जांच
वर्ग- प्राप्त आवेदन- गलत जाति प्रमाणपत्र- प्रक्रियाधीन
एसटी-386 – 177 – 61
एससी-166- 58 – 43
ओबीसी- 28- 10 – 11