भारतीय जनता पार्टी की ओर से साध्वी को सार्वजनिक तौर पर बोलने और इस तरह के विवादित बयान न देने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा के एक विवादित बयान से विपक्ष तो क्या उनकी अपनी पार्टी में भी नाराजगी और विरोध के सुर हैं। उन्हें पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर बोलने व इस तरह के विवादित बयान से बचने के लिए कहा है।
कांग्रेस ने बताया ‘मूर्खतापूर्ण’ तो भाजपा ने भी किया किनारा
कांग्रेस ने इस बयान को मूर्खतापूर्ण करार दिया है, वहीं भाजपा ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह साध्वी की निजी राय है। मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
…ये थे साध्वी प्रज्ञा के बोल
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित शोकसभा में उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्ष ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल कर रहा है।
महाराज जी का जिक्र कर की भविष्यवाणी की बात
सांसद ने कहा था, ‘जब मैं लोकसभा चुनावों में लड़ रही थी महाराज जी ने मुझसे कहा कि हम पर बुरा समय है और विपक्ष भाजपा के खिलाफ कोई मारक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है। बाद में मैं इस बात को भूल गई थी लेकिन अब हमारे बड़े नेता एक के बाद एक जा रहे हैं, मैं सोचने को मजबूर हूं कि महाराज जी ने सही बोला था?’
प्रज्ञा ने बताया कि महाराज जी द्वारा कही गई बातों को मैं भूल गई क्योंकि उस वक्त मैं भीड़ में थी। ‘लेकिन अब जब मैं अपने बड़े नेताओं सुषमा जी, बाबूलाल जी, जेटली जी को एक के बाद एक जाते देख रही हूं तो सोचने को मजबूर हो गई हूं। यह सच है कि ये सब असमय ही हमें छोड़ चले गए।’
नाथूराम गोडसे को बता दिया था देशभक्त
इससे पहले भी उन्होंने मुंबई हमले में शहीद पुलिसकर्मी हेमंत करकरे पर आरोप लगाते हुए बयान दिया था कि उनके साथ करकरने ने बुरा किया जिसका फल उन्हें भुगतना पड़ा वहीं महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता दिया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जाहिर की थी और पार्टी की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था।