लखनऊ में रेलवे अधिकारी केले से अधिक प्राथमिकता सफाई को देते नजर आ रहे हैं क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि केले के छिलकों से गंदगी फैलती है और इसी के चलते रेलवे प्रशासन ने यहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर फल की बिक्री पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि यदि कोई इस नियम को तोड़ते हुए पाया जाएगा तो उसे जुर्माने सहित सख्त कार्रवाई का भी सामना करना होगा।
हालांकि विक्रेता और यात्री इस कदम से खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं।
चारबाग स्टेशन पर एक विक्रेता ने कहा, “मैंने पिछले 5-6 दिनों से केले की बिक्री नहीं की है। प्रशासन ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। पहले गरीब लोग केले की खरीदारी करते थे क्योंकि अधिकतर अन्य फल महंगे होते हैं।”
लखनऊ और कानपुर के बीच रोजाना रेलवे सफर करने वाले अरविंद नागर ने कहा, “केले सबसे सस्ते, स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित फल हैं जिसका उपयोग कोई सफर के दौरान कर सकता है। यह कहना बेतुका है कि केले से गंदगी फैलती है। यदि यह सच है कि शौचालयों में भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा गंदगी वहीं पैदा होती है। पानी की बोतलों और पैक किए हुए स्नैक्स पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि केले के छिलके जैविक होते हैं और यह पर्यावरण के लिए नुकसानरहित होते हैं बल्कि इसके अलावा यह गरीबों के लिए पोषण का एक सस्ता स्रोत है।