कोई भी गाड़ी चलाते समय ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है. ड्राइविंग लाइसेंस के साथ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी (RC) रखना भी कानूनी तौर से जरूरी है. लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का रूप-रंग बदलने जा रहा है. बता दें कि हर राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का फॉर्मेट अलग-अलग होता है. कई बार कंफ्यूजन हो जाता है कि लाइसेंस कौन सा और आरसी कौन सी है. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के प्रारूप अलग होने से भी उनमें नियम भी अलग-अलग तरीके से दर्ज होते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
ड्राइविंग लाइसेंस (DL) आने वाले समय में बदल जाएगा. केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बदलाव करने जा रही है. नया नियम इस साल 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. अब डीएल और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) दोनों एक जैसे होंगे. यानी अब हर राज्य में डीएल और आरसी का रंग समान होगा. इसको लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, डीएल और आरसी में जानकारियां एक जैसी और एक ही जगह पर होंगी.
क्या होगा बदलाव
सहयोगी वेबसाइट जीबिजनेस में प्रकाशित खबर के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी का डिजाइन पूरे देश में एक जैसा होगा. लाइसेंस और आरसी पर नियम भी सभी पूरे देश में एक जैसे होंगे और उनकी प्रिंटिंग भी एक जैसी ही होगी. अभी तक ये अलग-अलग होती हैं. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि इससे ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालने वालों को भी सुविधा होगी. नए बदलाव के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेशन को लेकर कोई कंफ्यूजन की स्थिति नहीं रह जाएगी.
क्या है दिक्कत
डीएल और आरसी को लेकर फिलहाल हर राज्य अपने-अपने मुताबिक फॉर्मेट तैयार करते रहे हैं, लेकिन इसमें परेशानी यह है कि किसी राज्य में इन पर जानकारियां शुरू में हैं तो किसी राज्य में पीछे की तरफ छपी होती हैं. लेकिन सरकार के नए फैसले के बाद डीएल और आरसी पर जानकारियां एक जैसी जगह पर ही होंगी.
एक क्लिक में मिलेगा पूरा रिकॉर्ड
इस संबंध में सरकार ने पिछले साल एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें लोगों से इस मामले में विचार मांगे गए थे. सरकार ने आम लोगों से मिले सुझावों के आधार पर यह फैसला किया है और नया नोटिफिकेशन जारी किया. नए नियम के बाद ड्राइविंग लाइसेंस या आरसी में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड होंगे जिससे पिछला रिकॉर्ड छिपाया नहीं जा सकेगा. क्यूआर कोड से केंद्रीय डेटा बेस से ड्राइवर या वाहन के पहले के सारे रिकॉर्ड एक जगह पढ़ा जा सकेगा.