आप रेस्टोरेंट में जाकर खाते हैं या स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) जैसे ऑनलाइन फूड ऐप्स के जरिए खाना मंगाते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल अब हर तरह के कैटरर्स को अपनी फूड सेफ्टी की थर्ड पार्टी ऑडिटिंग करानी होगी. इसमें क्लाउड किचन भी शामिल हैं. फूड रेगुलेटर FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की ओर से नया आदेश जारी हो गया है. इसके मुताबिक, अब ऐसे हर तरह के खाने को थर्ड पार्टी ऑडिटिंग कराने को कहा गया है जो हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं . इनमे कैटरर्स के अलावा डेयरी, पोल्ट्री और मीट बिजनेस भी शामिल हैं .
फूड बिजनेस करने वालों को ये ऑडिटिंग किसी मान्यता प्राप्त प्राइवेट एजेंसी से करानी होंगी. वे कंपनियां जो न्यूट्रीशनल प्रोडक्ट बनाने का दावा करती हैं उन्हें भी इस तरह की ऑडिटिंग करानी होगी .
FSSAI ने दिया आदेश--हर तरह के कैटरर्स को फूड सेफ्टी की थर्ड पार्टी ऑडिटिंग करानी होगी. मतलब साफ है कि अब उन सभी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की जांच थर्ड पार्टी से करानी होगी. जो अपने प्रोडक्ट्स को बेस्ट न्यूट्रीशन वाला बताते हैं. साथ ही कई और बड़े दावे करते है. अब उन सभी बिजनेस करने वालों को इसकी जांच कराकर रिपोर्ट सौंपनी होगी.
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) ने राजस्थान समेत देश के सभी राज्यों को आदेश दिया है कि 30 जून से टी-बैग में स्टेपल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया जाए. खानपान सामग्री का कारोबार करने वाली कंपनियों से जून महीने से पहले पिन लगे टी बैग का उत्पादन, स्टोरेज और वितरण रोकने के लिए कहा गया है. चाय के साथ पिन अगर व्यक्ति के पेट में चला जाए तो इससे काफी परेशानी पैदा हो सकती है. केंद्र सरकार ने पहले तो नए साल से ही रोक लगा दी थी. पर किन्हीं कारणों से तिथि में बदलाव करना पड़ा.