शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को 198 मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि 1990 में मूल 204 मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है।
फिल्म शोले में अमिताभ बच्चन ने लिए इतने पैसे
आपको बता दें कि आज के समय के सबसे अमीर और एक फिल्म के लिए करोड़ों रूपए की फीस लेने वाले बॉलीवुड अभिनेताओं में से एक, अमिताभ बच्चन को इस फिल्म के लिए मिली फीस जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दोस्तों खुद अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया था. इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में काम करने के लिए उस समय अमिताभ बच्चन को सिर्फ एक लाख रूपए बतौर फीस मिले थे.