र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और ये मंदिर नासिक शहर में स्थित है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गोदावरी नदी के किनारे पर है और सावन के महीने के दौरान इस मंदिर में लाखों की संख्या में लोग आकर शिवलिंग की पूजा किया करते हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए थे और यहां आकर शिवलिंग की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग से एक कथा भी जुड़ी हुई है और ये कथा इस प्रकार है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी प्रचलित कथा के मुताबिक ऋषि गौतम इसी जगह पर रहा करते थे। ऋषि गौतम को अन्य ऋषि पसंद नहीं किया करते थे। एक बार ऋषियों ने मिलकर ऋषि गौतम पर गौ हत्या का आरोप लगा दिया। गौ हत्या के पाप का प्रायश्चित करने के लिए ऋषियों ने ऋषि गौतम से कहा कि वो इस स्थान पर देवी गंगा नदी को ले लाएं। देवी गंगा नदी को लाने के बाद ही उनको इस पाप से मुक्ति मिल सकेगी। देवी गंगा को नासिक में लाने के लिए ऋषि गौतम ने भगवान शिव जी और पार्वती मां की तपस्या की। इस तपस्या से खुश होकर भगवान शिव जी और पार्वती जी ने ऋषि गौतम को दर्शन दिए और उन्हें कुछ भी मांगने को कहा। तब ऋषि गौतम ने शिव भगवान से कहा कि वो इस स्थान पर गंगा मां को भेज दें। लेकिन जब ये बात गंगा मां को पता चली तो उन्होंने शिव जी से कहा कि अगर वो इस स्थान पर रहेंगे तभी वो यहां आएंगी। जिसके बाद शिव भगवान त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां पर स्थापित हो गए और गंगा नदी गौतमी के रूप में यहां बहने लगी। गौतमी नदी को ही गोदवरी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
एक साथ स्थापित हैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में तीन छोटे-छोटे शिवलिंग हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माना जाता हैं। इतना ही नहीं त्र्यबंकेश्वर मंदिर के पास तीन पर्वत भी हैं, जिन्हें ब्रह्मगिरी, नीलगिरी और गंगा द्वार कहा जाता है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में सोमवार के दिन दूर-दूर से लोग आते हैं और शिवलिंग के दर्शन करते हैं। इसके अलावा शिव रात्रि और सावन के महीने के दौरान भी इस मंदिर में काफी संख्या में लोग आते हैं।
कैसे पहुंचे त्र्यंबकेश्वर मंदिर
त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर में है। वायु मार्ग , रेल मार्ग और सड़के मार्ग के जरिए नासिक शहर आसानी से पहुंचा जा सकता है। नासिक शहर से ये मंदिर करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नासिक शहर से आप टैक्स करके आसानी से इस मंदिर में जा सकते हैं। हालांकि आप गर्म, बरसात और अधिक सर्दी के मौसम में इस जगह ना जाएं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर जाने का सबसे उत्तम समय मार्च से मई और सिंतबर से नवंबर के बीच का है। इसलिए आप इसी दौरान त्र्यंबकेश्वर मंदिर जाने का प्लान बनाएं। आपको मंदिर के पास ही रहने के लिए धर्मशाल आसानी से मिल जाएगी।