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मनोहर लाल खट्टर का कश्मीरी लड़कियों पर बिगड़े बोल

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कश्मीर की लड़कियों पर एक बयान विवाद की वजह बन गया है.

खट्टर ने एक समारोह में कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि अब तो ‘शादी के लिए कश्मीर से भी लड़कियां लाई जा सकती हैं.’

एक वीडियो में मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं, “हमारे मंत्री ओपी धनकर कहा करते थे कि उन्हें बिहार से लानी होगी. लेकिन आजकल लोग ये भी कहने लगे हैं कि कश्मीर का भी रास्ता साफ़ हो गया है और अब हम कश्मीर से भी लड़कियां लाएंगे.”

हालांकि वह यह बात लड़के और लड़कियों के संतुलन से जोड़ते हुए कह रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में ये भी कहा था कि हरियाणा का नाम बेटियों को मारने वाले प्रदेश के तौर पर बदनाम था लेकिन हमारे अभियान से लड़कियों की संख्या प्रति हजार लड़कों पर 850 से बढ़कर 933 हो गई है.

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के ही उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर ज़िले के विधायक विक्रम सैनी ने ऐसा ही बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था अनुच्छेद 370 को खत्म करने से पार्टी के कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं क्योंकि अब वे कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकेंगे.

वैसे खट्टर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. प्रतिक्रिया देने वालों में से एक पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर भी है.

हामिद मीर ने ट्वीट किया है, “अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद जितने भी ताक़तवर भारतीय लोग कश्मीरी लड़कियों से जबरन शादी करने की योजना बना रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए.”

हालांकि एएनआई ने खट्टर का जो वीडियो पोस्ट किया था उसे बाद में हटा दिया लेकिन तब तक ये वीडियो वायरल हो चुका था.

ट्विटर हैंडल राजन नायर ने लिखा है “कैबिनेट की महिला मंत्री स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमण खट्टर के इस बयान पर कैसी प्रतिक्रिया देंगी? आख़िर वो चुप क्यों हैं?”

दिल्ली स्थित एक पत्रकार आदित्य मेनन लिखते हैं “मुख्यमंत्री का कहना है कश्मीर से लड़कियां ले आओ. उनके मंत्री राम रहीम के आगे प्रदर्शन करते हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वे रेप को रोकने में नाकामयाब रहे.”

संकेत भार्गव ने ट्वीट किया है “हिप्पोक्रेसी…बीजेपी की सभी बड़ी महिला नेता उन्नाव मामले पर भी चुप थीं और अब वो खट्टर के कश्मीरी लड़कियों के दिये बयान पर भी चुप हैं.”

हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बयान को किसी भी तरह से ग़लत नहीं मानते हैं.जॉनी ब्रावो लिखते हैं “अगर उन्होंने ऐसी टिप्पणी की तो इसमें दिक़्क़त क्या है? क्या आपको नहीं लगता है कि कश्मीर भारत का हिस्सा है?”