कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश गुप्ता की निलंबन के खिलाफ दायर अर्जी को खारिज कर दिया था.
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले मामले में फंसे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. आईपीएस मुकेश गुप्ता की निलंबन अवधि बढ़ा दी गई है. साथ ही आईपीएस रजनेश सिंह की भी निलंबन अवधि को बढ़ाया गया है. जानकारी के मुताबिक दोनों आईपीएस अधिकारी 180 दिन यानि की 6 महीने और निलंबित रहेंगे. 6 अगस्त 2019 से ये लागू किया गया है. राज्य शासन के गृह विभाग ने ये आदेश जारी किया है. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश गुप्ता की निलंबन के खिलाफ दायर अर्जी को खारिज कर दिया था. केंद्र की ओर से ये कहा गया है कि निलंबन के 45 दिन गुजरने के बाद उन्होंने अर्जी की है. अब इस मामले में सुनवाई नहीं की जा सकती.
नान घोटाले में फंसे है दोनों आईपीएस:
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किया गया. इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.