सहारनपुर के दो ट्रांसजेंडरों को जंजीरों में जकड़कर यातनाएं देने के तीन साल पुराने वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमे में किन्नर नेता रजनी रावत और उसके भाई आकाश समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पीड़ित किन्नर का कहना था कि दहशत के चलते चुप रही, लेकिन अब इंसाफ मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। केदारपुरम में बधाई को लेकर रजनी रावत और शालू किन्नर पक्ष के बीच हुए संघर्ष के कई दिन बाद दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें दो ट्रांसजेंडर को जंजीरों में जकड़ने के साथ, गर्म चिमटे लगाने, बाल काटने और बेरहम तरीके से पिटाई की जा रही थी। तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने एसओजी प्रभारी ऐश्वर्य पाल को वीडियो परीक्षण के निर्देश दिए थे। परीक्षण के दौरान साफ हो गया था कि वीडियो चुक्खूवाला का था। दोनों पीड़ित दोनों किन्नर सहारनपुर के रहने वाले थे।
पिटाई का शिकार बिलाल निवासी सब्जी मंडी रोड सहारनपुर शनिवार को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी। मुकदमे में रजनी रावत, आकाश, सुषमा, कविता, सिमरन, चाइना, नीलम, रेशमा, शारदा, चंचल, नेहा, नगमा और कंगना को आरोपी बनाया है।
आरोप लगाया कि वे 22 सितंबर 2016 को अपने एक साथी के साथ लैला-मंजनू बनकर देहरादून आया था। कारगी चौक पर रजनी रावत के चेले उन दोनों को उठाकर ले गए, जहां पर नंगा कर उन्हें कुत्ते की चेन से बांधा गया। गर्म चिमटे लगाने के साथ उनके ऊ पर कुत्ते छोडे़ गए। आरोप लगाया कि रजनी रावत ने मुंह खोलने पर परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी थी।
ट्रांसजेंडर अजय पाल उर्फ तेजजस्या नाथ ने आरोप लगाया कि रजनी रावत खुद को दोहरी नागरिकता जी रही है। कुछ बरस पहले रजनी रावत नेपाल से यहां आई थी। किन्नरों पर वर्चस्व कायम करने को रजनी अपने चेलों की मदद से हमले कराने के साथ यातनाएं देती है। बधाई मांगने पर किन्नरों को खुलेआम धमकी दी जाती है। उनकी मांग थी कि रजनी रावत के खिलाफ कानून कार्रवाई करने के साथ दूसरे किन्नरों को सुरक्षा प्रदान की जाए। रजनी रावत के लिंग परिवर्तन की जांच कराने की मांग की गई है।