Home समाचार ऑफर सिर्फ इस दिन तक, ट्रेन से भी कम दामों पर हवाई...

ऑफर सिर्फ इस दिन तक, ट्रेन से भी कम दामों पर हवाई यात्रा करा रही है एयर इंडिया..

241
0

एयर इंडिया की क्षेत्रीय इकाई एलायंस एयर ने अपने पूरे नेटवर्क पर किफायती दरों पर हवाई टिकट की पेशकश की है. ये कीमतें 990 रुपये से शुरू हो रही हैं और सीमित अवधि के लिए है. एलायंस एयर ने बयान जारी कर कहा कि ‘स्वतंत्रता दिवस बिक्री मेला’ के तहत रेल किराये से भी कम दाम पर हवाई टिकट उपलब्ध कराये जा रहे हैं ताकि ट्रेन के यात्री भी विमान यात्रा कर सकें. एयरलाइन ने कहा कि किफायती दरों पर तीन अगस्त से नौ अगस्त की बीच टिकट बुक किए जा सकते हैं. यात्री किफायती दरों पर तीन अगस्त से 30 सितंबर के बीच यात्रा कर सकते हैं.

यह खबर एयर इंडिया की बिक्री की ख़बरों के बीच आई है. बता दें कि लगातार ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि भारत सरकार एयर इंडिया में अपने हिस्से को बेचना चाहती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एयर इंडिया को बेचने के लिए नया प्लान लाने की बात कही थी. नीति आयोग ने कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सरकार ने एक रणनीतिक निवेशक को 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी, जो इसके न बिकने का बड़ा कारण बताया गया था. ऐसे में अब सरकार ने कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है.

एअर इंडिया से बाहर निकल सकती है सरकार

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सरकार एअर इंडिया से बाहर निकल सकती है. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने बताया कि अभी इसपर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. उनका मानना है कि सरकार को निवेशक द्वारा कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने से कोई आपत्ति नहीं होगी. 
सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया के हालत बुरे होते जा रहे हैं. कंपनी का वित्तीय संकट लगातार गहराता दिख रहा है. एअर इंडिया के पास अभी 2,500 करोड़ रुपये हैं, जो वेंडरों के भुगतान और कुछ महीनों की सैलरी देने में खत्म हो जाएगा. एअर इंडिया हर महीने सैलरी पर 300 करोड़ रुपये खर्च करती है. अगर हालत ऐसे ही रहते हैं तो अक्टूबर के बाद कंपनी सैलरी भी नहीं दे पाएगी.

एअर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान शुरू करना है, लेकिन उसकी हालत ऐसी नहीं दिख रही है. इस साल कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश में है. कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी है. सरकार इस कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है. (भाषा से इनपुट के साथ)