केंद्र सरकार को वर्तमान में हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। ये नुकसान देश के 13 राज्यों के 26 शहरों में बने हवाई अड्डे और सिविल एन्क्लेव इस समय बेकार पड़े रहने की वजह से हो रहा है। वर्तमान में संचालन नहीं होने की वजह से इन हवाई अड्डों से कोई कमाई नहीं हो रही है। लेकिन सरकार को इनके रखरखाव पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करनी पड़ रही है। इससे सरकारे खजाने को नुकसान हो रहा है।
नागर विमानन मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आंध्र प्रदेश- अरुणाचल प्रदेश में 1-1, असम में तीन, बिहार में तीन, गुजरात में 1, झारखंड में 2, मध्य प्रदेश में तीन, मिजोरम में 1, तेलंगाना में 2, तमिलनाडु में 2, त्रिपुरा में 3, उत्तर प्रदेश में 2 और पश्चिम बंगाल में 3 हवाई अड्डों का परिचालन नहीं हो रहा है।
इसमें तमिलनाडु का थंजावुर और उत्तर प्रदेश के बरेला का सिविल एन्क्लेव भी शामिल हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि 2016 में क्षेत्रीय संपर्कता योजना आरसीएस-उड़ान के तहत 4500 करोड़ रुपए की लागत से राज्यों में प्रचालनिक और अप्रचालनिक हवाई अड्डों से उड़ानों की योजना बनाई है। इस योजना के तहत अब तक 39 हवाई अड्डों को प्रचालनिक बनाया है।
नागर विमानन मंत्रालय ने अनुसार, बीते तीन सालों में अप्रचालनिक हवाई अड्डों की वजह से सरकार को 7.76 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह नुकसान इन हवाई अड्डों के रखरखाव पर खर्च की जाने वाली रकम से हुआ है। मंत्रालय के अनुसार 2015-16 में 2.30 करोड़ रुपए, 2016-17 में 2.85 करोड़ रुपए और 2017-18 में 2.61 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।