छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के मेन्यू में अंडा को शामिल करने के बाद प्रदेश की सियासत में घमासान मचा है. कई वर्गों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. साथ ही मेन्यू से अंडे को हटाने की मांग की जा रही है. वहीं दूसरी ओर एक वर्ग मेन्यू में अंडे को शामिल करने का समर्थन कर रहा है. इसको लेकर लेकर प्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष भी एक दूसरे के आमने सामने है.
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों कबीरधाम जिले में मध्याह्न भोजन में अंडा परोसने पर कबीरपंथ के लोग नाराज हो गये हैं. कबीरपंथ के लोग स्कूलों में बच्चों को अंडा दिए जाने के फैसले से नाराज हैं. कबीरपंथ के लोगों ने कबीरधाम जिले के अलग अलग इलाकों में धरना प्रदर्शन और नारेबाजी भी की. इसके बाद ये मामला राजधानी रायपुर तक भी पहुंचा.
सियासत गर्म
मध्याह्न भोजन में अंडा दिए जाने को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कहना है कि मेन्यू में अंडा को नियमित रूप से शामिल नहीं करना चाहिए. क्योंकि प्रदेश में कबीरपंथ से जुड़े लोग इसे नहीं खाते और वे उनकी भावना से जुड़ा मामला है, इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को इसे मेन्यू में शामिल करने से परहेज करना चाहिए. इसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. वहीं इस मामले को लेकर सत्ताधारी दल के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम खुद राज्य सरकार के बचाव में उतर आये हैं. उनका कहना है कि मध्याह्न भोजन में अंडा के अलावा जो शाकाहारी हैं उनके लिए अलग से व्यवस्था की गई हैं. दूसरी ओर राज्य के मंत्री शिव कुमार डहरिया का कहना है कि जो मांग कबीर पंथी समुदाय से आयी हैं, उस पर विचार किया जायेगा.