छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पतालों द्वारा बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. योजना के के तहत मरीज और शासन दोनों से पैसे वसूलने की लगातार शिकायत मिल रही थी. इस शिकायत पर नेशनल हेल्थ एजेंसी की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की अनुशंसा को अधिकारी लगातार नज़रअंदाज कर रहे है. इस फर्जीवाड़े की जांच समिति की सदस्य और
क्या अस्पतालों को बचाने की हो रही कोशिश? जांच समिति की सदस्य और समाजसेवी ममता ममता शर्मा का कहना है कि रायपुर के नारायणा अस्पताल, धमतरी के गुप्ता नर्सिंग होम और कोरबा जिले के कोरबा हॉस्पिटल में फर्जीवाड़े की शिकायत उन्होने की थी. इसके बाद रायपुर संभागायुक्त ने त्वरित कमेटी का गठन करते हुए ममता शर्मा को भी जांच में सहयोग के लिए रखने का आदेश किया था. जांच में रायपुर का नामी अस्पताल नारायणा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल देवेंद्र नगर ,धमतरी का गुप्ता नर्सिंग होम और कोरबा हॉस्पिटल शामिल थे. ममता शर्मा का कहना है कि इनकी जांच रिपोर्ट में अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है लेकिन प्रदेश सरकार के अधिकारी ही उन अस्पतालों को बचा रहे है.