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मोदी सरकार ने बंद की 6.8 लाख कंपनियां, अब इन 19 सरकारी कंपनियों पर लगेगा ताला!

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में अभी तक 6.8 लाख से ज्यादा कंपनियां बंद हो चुकी हैं. ये जानकारी लोकसभा में दी गई है.लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने ऐसी रजिस्टर्ड कंपनियों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए स्पेशल ड्राइव शुरू की है जिन्होंने पिछले दो वित्त वर्षों से अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स या सालाना रिटर्न फाइल नहीं किए हैं.फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन कैंसल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘कंपनीज ऐक्ट के तहत फर्जी कंपनी टर्म को परिभाषित नहीं किया गया है.आपको बता दें कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के तहत रजिस्टर्ड कुल 18,94,146 कंपनियों में से 36.07 फीसदी कंपनियां बंद हो चुकी हैं.

इन राज्यों में हुई हैं सबसे ज्यादा कंपनियां बंद-आंकड़ों से पता चलता है कि कुल बंद हुईं 6,83,317 कंपनियों में से 1.42 लाख से ज्यादा महाराष्ट्र में थीं. जबकि 1.25 लाख से ज्यादा कंपनियां दिल्ली और 67,000 से ज्यादा पश्चिम बंगाल की थीं. वहीं सिक्किम में कोई भी कंपनी बंद नहीं हुई. सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-19 के बीच उत्तर पूर्वी राज्यों में कुल 2,448 कंपनियां रजिस्टर्ड हुईं.

इन सरकारी कंपनियों को बंद करने का भी दिया आदेश- केंद्र की मोदी सरकार ने  घाटे में चल रही 19 बड़ी सरकारी कंपनियों को बंद करने का आदेश दे दिया है. मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन कंपनियों तुंगभद्रा स्‍टील प्रोडक्‍ट्स लिमिटेड, HMT वॉचेज लिमिटेड, HMT चिनार वॉचेज लिमिटेड, HMT बियरिंग्‍स लिमिटेड, हिंदुस्‍तान केबल्‍स लिमिटेड, HMT लिमिटेड की ट्रैक्‍टर यूनिट और इंस्‍ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट, केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड, इंडियन ड्रग्‍स और राजस्‍थान ड्रग्‍स एंड फार्मास्‍युटिकल्‍स लिमिटेड, IOCL-क्रेडा

बायोफ्यूल्स लिमिटेड, क्रेडा HPCL बायोफ्यूल्स लिमिटेड, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह वन और वृक्षारोपण विकास निगम लिमिटेड, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड, सीएनए/एन2 ओ 4 प्लांट को छोड़कर हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड की रसायनी ईकाई में सभी संयंत्रों के संचालन को बंद करना, नेशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कॉर्पो. लिमिटेड, बर्ड्स जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड और एसटीसीएल लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दे दी गई है.