Home समाचार टीम इंडिया के आर्मी कैप पहनने का बदला वर्ल्ड कप में लेना...

टीम इंडिया के आर्मी कैप पहनने का बदला वर्ल्ड कप में लेना चाहती है पाकिस्तानी टीम!

48
0

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला 16 जून को होना है और इस मैच से पहले ही एक बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के क्रिकेट कप्तान सरफराज अहमद ने भारत के खिलाफ विकेट गिरने का जश्न अलग तरह से मनाने की इजाजत मांगी थी. सरफराज और टीम पाकिस्तान ने पीसीबी से इस मुद्दे पर बात की थी. दरअसल पाकिस्तानी टीम भारतीय टीम के आर्मी कैप पहनने से भड़की हुई है. आपको बता दें मार्च में टीम इंडिया ने रांची वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आर्मी रंग की कैप पहनी थी जिसके बाद पाकिस्तान में इसके खिलाफ विरोध की आवाज उठी थी.

पीसीबी ने किया इनकार

वैसे आपको बता दें सरफराज अहमद की वर्ल्ड कप मैच में टीम इंडिया के खिलाफ अलग तरह से जश्न की इजाजत को पीसीबी ने खारिज कर दिया है. पीसीबी के मुताबिक टीम के खिलाड़ी शतक लगाकर मिस्बाह उल हक की तरह पुशअप्स लगा सकते हैं लेकिन विकेट लेने के बाद किसी अलग तरह के जश्न की इजाजत नहीं है.

रांची वनडे में आर्मी कैप पहनी थी टीम इंडिया ने
एम एस धोनी आर्मी कैप पहने हुए

धोनी के ग्लव्स पर भी उठाए पाकिस्तान ने सवाल

वैसे सरफराज अहमद की अलग तरह से जश्न मनाने की फरमाहिश से पहले पाकिस्तान में धोनी के ग्लव्स का मुद्दा भी गर्माया हुआ है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ धोनी ने जो विकेटकीपिंग ग्लव्स पहने थे उसमें बलिदान का निशान था, जो कि पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो पहनते हैं. इस पर आईसीसी ने धोनी से ये ग्लव्स हटाने के लिए कहा, लेकिन बीसीसीसीआई इस मुद्दे पर धोनी के साथ खड़ी है. बीसीसीआई के मुताबिक धोनी के ग्लव्स पर पहले ही आईसीसी को बता दिया गया था ऐसे में सवाल ये है कि जब बीसीसीआई ने आईसीसी को पहले ही धोनी के ग्ल्व्स पर सेना के बैज की जानकारी दे दी थी तो अब आईसीसी को इस मामले में आपत्ति क्यों हो रही है. सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान की ओर से धोनी की शिकायत हुई है?

इस बीच पाकिस्तान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी धोनी के खिलाफ बयान दिया है, उनके मुताबिक ”धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने के लिए गए हैं न कि महाभारत के लिए. भारतीय मीडिया में यह क्या बहस चल रही है… मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा भेजा जाना चाहिए.”