हिमालय की पहाड़ियों में मौजूद प्रमुख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकालीन अवकाश के बाद आज से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. प्रबंधन ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार 8 हजार श्रद्धालुओं का पहला जत्था गढ़वाल जिले के गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के लिए शुक्रवार को रवाना हो गया है. गोविंदघाट की दूरी हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे से करीब 21 किमी की है. हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर एक झील किनारे स्थित है. मान्यता है कि यहां पर गुरु गोविंद सिंह ने झील किनारे तपस्या की थी.
सर्दियों में नहीं आ सकते हैं हेमकुंड
सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी और ठंड के चलते यहां पर आना संभव नहीं है. ऐसे में हेमकुंड साहिब के कपाट सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं और फिर जून में मौसम थोड़ा सामान्य होने पर इन्हें वापस खोला जाता है. कपाट को खोलने के लिए सेना की मदद ली जाती है. हर साल सेना यहां पहुंच कर रास्ते से बर्फ हटाने के साथ ही जरूरी सुविधाएं जुटाने का काम करती है.
पहले 23 मई को खुलने थे कपाट
पहले हेमकुंड साहिब के कपाट 23 मई को खुलने थे लेकिन भीषण बर्फबारी को देखते हुए इसकी तारीख को टाल कर 1 जुन कर दिया गया. इस महीने के शुरु में ही आर्मी इंजीनियरिंग कोर की टीम हेमकुंड साहिब पहुंच गई थी और बर्फ़ हटाने के काम में जुट गई थी. हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मैनेजर दर्शन सिंह के अनुसार हेमकुंड साहिब में पानी का इंतज़ाम कर लिया गया है.