आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि मंजिता फैशन डिजाइनिंग जैसी ग्लैमरस फील्ड छोड़कर पुलिस में आई हैं। बॉलीवुड की किसी एक्शन थ्रिलर की तरह लेडी पुलिस अफसर का बुर्का पहन कर जुए के अड्डे पर छापा मारना। उनके साथ में सादी ड्रेस में बस एक सब इंस्पेक्टर और अड्डे पर 28 हार्डकोर जुआरी मौजूद।

ऐसे में पुलिस ऑफिसर के साथ कुछ भी होने का डर। हमला होने पर जान जाने का भी जोखिम। ये किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि अहमदाबाद में हुए एक पुलिस रेड की हकीकत है। इस दिलेर पुलिस ऑफिसर ने इसे अंजाम दिया उनका नाम है IPS मंजिता वंजारा।
मंजिता की फैमिली के बहुत सारे लोग अच्छे पदों पर काम कर चुके हैं। वे एक संपन्न परिवार से आती हैं। इसके बावजूद उनके पैरेंट्स ने बचपन से ही उन्हें साधारण हालातों में पाला। मंजिता को किसी भी तरह की अतिरिक्त सुविधाएं नहीं दी गईं। उनके पास कभी कार नहीं रही। वे पढ़ाई पूरी होने तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करती रहीं। उनके लाइफ स्टाइल के चलते उन्होंने आम आदमी के संघर्ष को न सिर्फ जाना, बल्कि महसूस भी किया।
पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान उन्हें ख्याल आया कि समाज से उन्हें हमेशा अच्छी चीजें ही मिली हैं। तब मंजिता गंभीरता से सोचने लगीं कि समाज से जो मिला, वह समाज को वापस लौटाने के लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा होगा। तब उन्हें लगा कि एक सिविल सर्वेंट यह काम सबसे अच्छी तरह कर सकता है। फिर उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान ही सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारियां शुरू कर दीं।