Home समाचार नायडू और उनके बेटे के नामांकन में हुई भारी चूक

नायडू और उनके बेटे के नामांकन में हुई भारी चूक

65
0

अमरावती। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आंध्रप्रदेश में टीडीपी के मुखिया एन. चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश ने शनिवार को नामांकन दाखिल किया। इसके बाद नामांकन में हुई एक बड़ी गलती की सोशल मीडिया पर खूब हंसी उड़ रही है। दरअसल, दोनों ही नेताओं के पर्चों में उनके पिता के नाम को पति का नाम बता दिया गया है।

चंद्रबाबू नायडू ने जहां चित्तूर जिले की कुप्पम सीट से पर्चा भरा, वहीं लोकेश मल्कानगिरी से चुनाव मैदान में हैं। पर्चे में खरजुरा को नायडू का पिता के बजाए पति लिख दिया गया। यही गलती लोकेश के फॉर्म में भी हुई और नायडू को उनके पति बता दिया गया। गलती वाले ये पर्चे सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।

..तब की थी यह मांग

इससे पहले, टीडीपी ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि सभी सरकारी दफ्तरों में लगे छत वाले पंखे भी हटा दिए क्योंकि पंखा वाईएसआरसीपी का चुनावी चिह्न है।

रामाकुप्पम मंडल में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एक प्रतिनिधि मंडल ने कहा है कि हर सरकारी दफ्तरों से तत्काल छत वाले पंखे हटवाए जाएं। उनका कहना है कि छत वाला पंखा वाईएसआरसी का चुनावी चिह्न है और दफ्तरों में पंखे लगे होने से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है। बता दें कि, चित्तूर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का गृह जनपद भी है।

बताया आचार संहिता का उल्लंघन

टीडीपी नेताओं का कहना है कि, चुनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री की तस्वीर हर दफ्तर से हटवाने का आदेश दिया है। इस पर सारे दफ्तरों से उनकी तस्वीरें हटाई जा रही हैं। ऐसे में दफ्तरों में लगे पंखे भी हटाए जाने चाहिए क्योंकि ये वाईएसआरसी का सिंबल है और इससे भी आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है। टीडीपी नेताओं की शिकायत के बाद तहसीलदार जनार्दन रेड्डी ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर शिकायत पर उचित फैसला लेने को कहा है।

दिया अजीब तर्क

प्रतिनिधि मंडल को लीड करने वाले नेता जयशंकर ने कहा कि, हमने अधिकारियों से निवेदन किया है कि आचार संहिता का सख्ती से पालन हो। आयोग के आदेश के बाद ‘मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सारी मूर्तियां ढकी जा रही हैं। दफ्तरों में लगी तस्वीरें भी हटाई जा रही हैं। आचार संहिता का नियम सीएम की तस्वीरों और मूर्तियों पर लागू हो रहा है तो पंखे पर भी लागू होना चाहिए। सरकारी दफ्तरों में लोग जाते हैं वहां वे पंखा देखेंगे और इससे प्रभावित भी होंगे इसलिए सभी सरकारी दफ्तरों से इन्हें हटा दिया जाना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here