कालाहांडी। ओडिसा के कालाहांडी जिले के लांजीगढ़ में वेदांता संयंत्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। ओडिसा औद्योगिक सुरक्षा बल (ओआईएसएफ) और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं बहुत से लोग घायल बताए जा रहे हैं। संघर्ष में भीड़ ने एक सुरक्षाकर्मी को जिंदा जला दिया जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। मृतकों की पहचान दानी बत्रा (प्रदर्शनकारी) और सुजीत कुमार मिंज (ओआईएसएफ के जवान) के तौर पर हुई है। ओआईएसएफ पुलिस कमांड के तहत आने वाला एक राज्य सुरक्षा बल है। लगभग 70 स्थानीय लोगों के समूह ने लांजीगढ़ स्थित कंपनी के संयंत्र के मुख्य द्वार के बाहर धरना दिया था। कालाहांडी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी गंगाधर ने बताया कि रेंगोपाली और आसपास के गांवों के निवासी लंजीगढ़ में रिफाइनरी के पास नौकरी एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि वे कंपनी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने और रिफाइनरी में स्थानीय युवकों को नौकरी देने की भी मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रिफाइनरी परिसर में घुसने की कोशिश की लेकिन वहां तैनात ओआईएसएफ के कर्मियों ने उन्हें रोक लिया जिसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने लाठियों से भीड़ को खदेड़ा और करीब 20 लोग जख्मी हो गए। बाद में एक घायल की अस्पताल में मौत हो गई। एसपी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एल्युमिनियम संयंत्र के समुदाय सेवा केंद्र में तोड़फोड़ की और एक कमरे में ओआईएसएफ स्टाफ सुजीत कुमार मिंज को कमरे में बंद करके उसमें आग लगा दी। गंगाधर ने बताया कि मिंज की जलने से मौत हो गई। वहीं गांव के एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण धरना कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने हमें जबरन मौके से हटाने की कोशिश की। जब हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने हमपर लाठीचार्ज किया। जिसकी वजह से दानी बत्रा की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हो गए।’ महेश्वर पाटी नामक दूसरे गांववाले ने आरोप लगाया कि हिंसा तब भड़की जब कुछ पुलिसवालों ने प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्वव्यहार किया। इससे पहले तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में पुलिस ने गोलियां चलाई थीं। जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी वहां एक और वेदांता संयंत्र के संचालन का विरोध कर रहे थे।