मंदसौर जिले का गांधी सागर अभयारण्य अच्छी खबर दे रहा है. हाल ही में हुए सर्वे में पता चला है कि इस अभयारण्य में पंछियों की 200 से ज़्यादा प्रजातियां रह रही हैं. इनमें से कई तो दुर्लभ प्रजातियां हैं. ये वो पक्षी हैं जो विश्व में और कहीं नहीं मिलते.
वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ एंड नेचर कंजर्वेशन और एमपी टाइगर फाउंडेशन के साथ मिलकर पहली बार गांधी सागर के वन क्षेत्र में बर्ड सर्वे कराया है. देश भर से आए 80 पक्षी विशेषज्ञों ने 3 दिन तक सर्वे किया. सर्वे में 80 अलग-अलग रास्ते बनाए गए थे. हर टीम में 3-4 सर्वेयर थे. अभी और आंकड़े कलेक्ट किए जा रहे हैं. हो सकता है कुछ और प्रजातियों का पता चले.
डीएफओ मयंक चांदीवाल ने बताया कि गांधी सागर में माइनस 30 डिग्री तापमान में 18 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ने वाला दुर्लभ बार हेडेड गूज भी दिखा है. सर्वे में ब्लैक स्ट्रोक पक्षी भी दिखा, यह प्रवासी है जो मंगोलिया और साइबेरिया में पाया जाता है. यह पक्षी साइबेरिया से उड़ान भरता है तो भारत से होते हुए अफ्रीका तक जाता है. यह पक्षी मछली खाता है. ये पक्षी आसानी दे दिखाई नहीं देता क्योंकि ये पेड़ की छाल के कलर और धब्बे जैसा होता है.
पक्षी विशेषज्ञों ने बताया कि सर्वे में रेड क्रस्टेड पोचर्ड, रेड नेकड फाल्कन, क्रेस्टेड हॉक ईगल, वाइट बेलिंड मिनिवेट, डेजर्ट व्हीटियर, शॉर्ट एयर्ड उल्लू, ब्राउन फिश आउल, पेंटेड सैंडग्राउज, मोटल्ड उल्लू, स्पॉटेड रेड शंक, फेरुगीनो पोचार्ड, डालमेशियन पेलिकन, टफटेड डक पक्षी पाए गए.