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किसानों के लिए वरदान बनकर आई साय सरकार

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रायपुर। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां खेती-किसानी लोगों की आजीविका का साधन होने के साथ यहां की संस्कृति का भी हिस्सा है. ग्रामीण जनजीवन में तीज-त्यौहार भी खेती किसानी से संबंधित हैं. खेतों की जुताई-बुआई से लेकर फसल की कटाई तक हर मौके पर हरेली, पोला,छेरछेरा आदि त्यौहार मनाए जाते हैं. सीएम विष्णुदेव साय स्वयं एक किसान है,लिहाजा वह किसानों की नब्ज़ भली भांति समझते हैं. साय सरकार ने मोदी की गारंटी पर अमल किया है. इसी के साथ कृषि और किसानों की उन्नति के लिए तत्परता के साथ कई कदम उठाए हैं।
छत्तीसगढ़ किसानों को धान की सबसे ज्यादा कीमत मिलने के लिए भी जाना जाता है. विष्णुदेव साय की सरकार ने
छत्तीसगढ़ की इस ताकत को और मजबूत करने के लिए नए बजट में अनेक प्रावधान किए हैं।
सीएम विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस सुशासन दिवस के अवसर पर मोदी की गारंटी पूरी करते हुए 12 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में दो साल के बकाया धान के बोनस के रुप में 3716 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की थी. मुख्यमंत्री साय ने 12 मार्च को अपने जशपुर प्रवास के दौरान मोदी की गारंटी के अनुरूप कृषि उन्नति योजना के तहत किसानों को समर्थन मूल्य और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की अंतर की राशि प्रदान करने का ऐलान किया था. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में किसानों ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 24.72 लाख किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषि विभाग के बजट में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है और कई नवाचारी प्रवधान किए गए हैं. कृषि को किसानों के लिए फायदेमंद बनाने के लिए फसलों की अच्छी उत्पादकता के साथ ही कृषि व्यवसाय में प्रबंधन, हार्वेस्ट प्रबंधन और प्रसंस्करण तकनीकी का भी खासा महत्व है. इन तमाम नवाचारों के लिये साय सरकार ने बजट में कई प्रावधान किये हैं।
किसानों के लिए वरदान बनकर आई साय सरकार
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार किसानों के लिए सचमुच वरदान बनकर आई है. विष्णुदेव की सरकार ने चुनावी वादे के तहत किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का ऐलान किया था. इस वादे को पूरा करने के लिए, सरकार किसानों को एमएसपी पर धान खरीदने के बाद 917 रुपये की बकाया राशि बोनस के रूप में एकमुश्त दे रही है..छत्तीसगढ़ में
प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को लागू करके किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई..किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए गये. मुख्यमंत्री साय द्वारा दी गई सौगात से किसान फूले नहीं समा रहे हैं और वे बारंबार सीएम साय के प्रति आभार
जता रहे हैं..सीएम साय ने कहा था कि “इस साल राज्य में किसानों ने 147 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड बिक्री की है छत्तीसगढ़ के धान का कटोरा को भरने में 24 लाख से ज्यादा किसानों ने अपनी हिस्सेदारी की है।
किसानों की आमदनी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मानना है कि खेती-किसानी को आधुनिक बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाना छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने समय समय पर किसानों से धान की खेती के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के
लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़ने का आह्वान किया है..सीएम साय ने किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने अपने वादे के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान का मूल्य दिया और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की.. पिछले साल 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और राज्य सरकार द्वारा घोषित उपार्जन मूल्य तथा दो साल का बकाया बोनस के माध्यम से किसानों के खाते में लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये हैं।
14 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी
उन्होंने आगे कहा कि चालू खरीफ मौसम में अच्छी फसल को देखते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य में बेहतर से बेहतर व्यवस्था की जाएगी. इस वर्ष 14 नवम्बर से धान खरीदी का काम शुरू होगा. इस साल भी रिकार्ड धान खरीदी का अनुमान है. साय सरकार के किसान हितैषी नीतियों के असर है कि छत्तीसगढ़ के सभी इलाके के किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं,जिससे उनका परिवार तेजी से विकास पथ पर अग्रसर हो रहा है।