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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर ‘सुगम ऐप’ का शुभारंभ,घर बैठे करा सकेंगे रजिस्ट्री

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रायपुर। विष्णु के सुशासन में लगातार जनहित की योजनाएं लागू हो रही है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर ‘सुगम ऐप’ का शुभारंभ भी किया गया है. इस एप के शुरू होने से अब संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी. वहीं लोग घर बैठे अपनी जमीन की रजिस्ट्री करा सकेंगे. इस ऐप को 21 अक्टूबर से लागू किया गया है, जिसके बाद से राज्य में 1200 से अधिक रजिस्ट्री की जा चुकी है।
महानिरीक्षक पंजीयन विभाग की ओर से सभी मुख्य जिला पंजीयकों और उप पंजीयकों के लिए एक आदेश जारी कर कहा गया है कि एनजीडीआरएस सिस्टम के सिटीजन लॉगिन से ऑनलाइन रजिस्ट्री होने के बाद विक्रीशुदा संपत्ति की तीन दिशाओं से तीन फोटो जमीन मालिक के साथ अक्षांश और देशांतर की जानकारी समेत अपलोड करना है। ऑनलाइन अपलोड होते ही नामांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इससे ये भी साबित हो जाएगा कि वर्तमान में जमीन का मालिक कौन है. अभी तक जमीन की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण तुरंत नहीं होने की वजह से एक जमीन की रजिस्ट्री कई बार हो जाती है, इसलिए दावा किया जा रहा है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
ऐसा काम करेगा सुगम ऐप
सुगम ऐप में पक्षकार को रजिस्ट्री के प्रकिया के दौरान अपना मोबाइल लेकर उस जगह में जाना होगा, जिस स्थान की रजिस्ट्री किया जा रहा है. उस स्थान में जाकर सुगम ऐप खोलकर ऐप में निर्देशित तीन कोणों अर्थात् सम्पत्ति के सामने, दाएं और बाएं से उस स्थान का फोटो लेना होगा. वह फोटो स्वतः ही रजिस्ट्रार के माड्यूल में ट्रांसफर हो जाएगा. उस स्थान की भौगोलिक स्थिति अर्थात् अक्षांश व देशांतर की स्थिति रजिस्ट्री पेपर में फोटो के साथ दर्ज हो जाएगी. इस प्रकार संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति का निर्देशांक रजिस्ट्री पेपर में स्थायी रूप से अंकित रहेगा, जिससे पक्षकार कभी भी उस स्थान पर जाकर संपत्ति की पहचान कर सकता है।
अब सरकार को नहीं पहुंचा सकेंगे राजस्व का नुकसान
’सुगम ऐप’ के माध्यम से सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को भी नियंत्रित किया जाएगा. सुगम ऐप द्वारा इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगेगा. सुगम ऐप से संपत्ति की वास्तविक संरचना के संबंध में ज्ञात हो सकेगा, जिससे भवन, रोड, फैक्ट्री आदि संरचनाओं को छुपाया नहीं जा सकेगा. इसके कारण सरकार को होने वाले राजस्व अपवंचन को रोका जा सकेगा. इससे ऐसी घटनाओं के पता चलने के बाद पक्षकार रजिस्ट्री के बाद होने वाले परेशानियों से मुक्त हो सकेंगे।