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परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी के सानिध्य में अभी तक 146 पंचकल्याणक महा महोत्सव संपन्न हुए है और आगामी 6 पंचकल्याणक महा महोत्सव सुनिश्चित हुए हैं

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नांदणी । आचार्य भगवन विशुद्धसागर जी महाराज ऐसे दिगम्बर जैन संत हैं जो अपनी चर्या के लिये पहचाने जाते हैं l जिनको चर्या शिरोमणि कहा जाता है l नांदणी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 26 निर्ग्रंथ साधु एक साथ नगर में चातुर्मास कर रहे हैं।
आचार्य विशुद्धसागर महाराज जी संघ 2024 का चातुर्मास नांदणी में होने के कारण पूरे महाराष्ट्र के जैन समाज, स्थानीय जैन समाज और विशुद्ध वर्षायोग 2024 समिति के सभी पदाधिकारियों में खुशी की लहर है l सभी लोग इस चातुर्मास को भव्यता और ऐतिहासिक बनाने के लिए शुरुवात से ही तन मन धन से प्रयासरत है।
जैन धर्म के विकास और संरक्षण के हेतू भारतवर्ष में भट्टारक पीठोंकी निर्मिती हुई है l इन सभी भट्टारक पीठों में स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी मठसंस्थान नांदणी,करवीर (कोल्हापूर) यह आद्य पीठ है l प्राचीन भारत के दिल्ली, पिंनगोंडी, जिनकंची और करवीर (नांदणी) ऐसी जिनसेन मठ की परंपरा चलती आ रही है l करवीर मठ संस्थांन के कोल्हापूर, नांदणी, तेरदाळ और बेलगांव यह चार शाखापीठ है ; इसलिये जिनसेन मठ की वास्तू अतिभव्य है l नांदणी स्थित मठ का इतिहास 1300 वर्ष पूराना हैl
प.पू. आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी ने अभि तक 1,25,000 कि.मि. पैदल विहार किया हैं l आचार्यश्री ने 250 ग्रंथों की रचना और 5000 नितीकाव्य का लेखन किया हैं l आचार्यश्री के सानिध्य में लागभग 146 पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव सानंद संपन्न हुए हैं l
147 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैनरगुत्ती (हासन,कर्नाटक) में
28 नबम्बर से 04 दिसम्बर 2024 तक संपन्न होगा।
148 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र वृषभाचल , नांदणी, (महाराष्ट्र ) में 01 जनवरी से 09 जनवरी 2025 तक संपन्न होगा।  विशेष :- श्री 1008 आदिनाथ भगवान का 12 साल में होने बाला महा मस्तिकाभिषेक समारोह 1 जनवरी से 9 जनवरी 2025 तक संपन्न होगा।
दिनांक 1 जनवरी 2025 से 9 जनवरी 2025 तक नांदणी में भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन आचार्य विशुद्धसागर जी महाराज जी के सानिध्य में और स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक स्वामीजी के अधिनेतृत्व में संपन्न होगा l वृषभाचल पर भगवान आदिनाथ बृहन्मुर्ती के बाजु में भ. मुनीसुव्रतनाथ तीर्थंकरा की 21 फूट की पद्मासन प्रतिमा का पंचकल्याणक, नांदणी मठ में भ. आदिनाथ बस्ती के शिखर में नूतन मूर्ती का , गांव में भ. पार्श्वनाथ मंदिर के शिखर में भ. पार्श्वनाथ की प्रतिमा और स्वस्तिश्री जिनसेन मठ में मुख्य मंदिर के मुलानायक भ. आदिनाथ मंदिर के बाजू में (दक्षिण दिशा को ) ‘9 तीर्थंकर मंदिर’ का निर्माण हुआ है। उस 9 प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठापणा इस पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में संपन्न होगा।
वृषभाचल पर (निशिदिका में ) चक्रेश्वरी देवी ( भ. वृषभनाथ जी की शासनदेवी यक्षिणी) और क्षेत्रपालजी की नूतन स्थापना होगी l यह चक्रेश्वरी मंदिर बहोतही सुंदर बन रहा है l वृषभाचलापर 24 टोक पर सम्मेदशिखरजी की प्रतिकृती बनी है l उसीके 24 वे टोक पर ‘ पावपुरी’ क्षेत्र का थोडे विकसितरूप देकर नूतन पावपुरी की रचना होगी l
149 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव दि. जैन तीर्थ क्षेत्र अष्टापद रुकड़ी (महाराष्ट्र) में 19 जनवरी से 25 जनवरी 2025 तक संपन्न होगा।
150 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव दि. जैन मंदिर , नंदनवन, आढीव पंडरपुर (महाराष्ट्र) में 01 फरवरी से 05 फरवरी 2025 तक संपन्न होगा।
151 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव सिरसाड,मुंबई (महाराष्ट्र) में 28 फरवरी से 05 मार्च 2025 तक संपन्न होगा।
152 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव दि. जैन सिद्धक्षेत्र श्री पावापुरी ऊन जिला खरगोन, मध्यप्रदेश में 07 अप्रेल से 12 अप्रेल 2025 तक संपन्न होगा। पट्टाचार्य पद प्रतिष्ठा संस्कार महोत्सव सुमति धाम, गोधा एस्टेट, इंदौर में 27 अप्रैल से 2 मई 2025 तक संपन्न होगा।