सागर | पिछले 15 दिनो में सागर की जनता के पुण्य, उत्साह, समर्पण और जनता के सैलाब ने हमें खुश कर दिया। विकल्प भी था लेकिन सागर वालों के उत्साह के कारण बिकल्प को संकल्प में बदलना पड़ा। मैं रुक गया। सब कुछ नियत है। भाग्य, सृष्टि, किस्मत, रेखाएं और नीयत ये बदलती नहीं है लेकिन पुरुषार्थ से हाथों की लकीरें भी बदल जाती हैं किस्मत की लकीरें कहीं और थीं लेकिन तुम्हारे पुरुषार्थ ने किस्मत को बदलने के लिए मजबूर कर दिया। यह बात निर्यापक मुनिश्री सुधासागर महाराज ने सागर में भाग्योदय तीर्थ मे आयोजित वर्षायोग कलश स्थापना समारोह मैं कहीं।
उन्होंने कहा कि सागर में चातुर्मास हो इसके लिए पूरे भारत से सिफारिश हुई संघ के कई मुनिराजों ने, त्यागी व्रतियों ने और श्रावक श्रेष्टियों ने मेरे पास आकर के कहा और सूचनाएं भेजी कि महाराज श्री आपका चातुर्मास सागर में ही होना चाहिए और आज जिनका पुण्योग था ऐसी थूबनजी कमेटी और अशोक नगर वाले सागर वालों को समर्थन देने के लिए यहाँ पर उपस्थित हुये है।
उन्होंने कहा कि पुण्य का उदय आया है 4 माह तक सभी को धर्म लाभ मिलेगा पूरी चर्याओं का लाभ मिलेगा। साधु की संगति तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मंगलमय होगी। मंगल कलश की स्थापना आपके शगुन के लिए है जो लाभप्रद होती है और जिनके घरों में ये मंगल कलश जाएंगे। उनके यहाँ दीपावली पर दीवाली होगी। और यह दीपावली वर्षों तक मनाई जाएगी बड़े कलश, छोटे कलश और भक्ति कलश के साथ दीपावली मनाने के लिए वर्षायोग का कलश सभी के घरों में पहुंचना चाहिए और यह चातुर्मास भी आपका भी होना चाहिए।
मुनिश्री ने कहा कि भाग्योदय मेरी बापौती है और आज के इस चातुर्मास के समर्थन के लिए भारत कि कोने कोने से लोग आए हैं। और सागर शहर की सभी मंदिरों कि कमेटियों ने सभी संस्थाओं ने और भाग्योदय तीर्थ कमेटी ने भी श्रीफल भेंट करके चातुर्मास के लिए निवेदन किया है। मैं पूरे मुनि संघ के साथ भक्तियां पढकर के कलश स्थापना कर वर्षायोग चातुर्मास का संकल्प ले रहा हूँ।
इस वर्षायोग में जिनवाणी आगम के अनुसार इस स्थान के चारो ओर 18 किलोमीटर तक आने जाने की छूट भी ले रहा हूँ। मुनिश्री ने कहा सागर के प्रत्येक घर में कलश पहुंचना चाहिए। अब तक के मेरे सभी चातुर्मास में कलश स्थापना का यह पहले नंबर का चातुर्मास होगा आज से मैं संकल्पबद्ध हूँ। चातुर्मास के लिए, दान देने से तिजोरियों भी भर जाती हैं।
ध्वजारोहण दिनेश बिलहरा, रचना बिलहरा, अलका आनंद बिलहरा परिवार ने किया। चार माह जलने वाली मांगलिक ज्योति की बोली सुधीर जैन चन्द्रप्रभा साकेत जैन पापुलर टोबेको परिवार ने ली। शासकीय शिक्षक केकड़ी राजस्थान के ब्रह्मचारी कमलेश भैया ने गुरु पूणिमा के अवसर पर शासकीय नौकरी को त्यागते हुए ब्रह्मचारी के रूप में संघ में शामिल होने का आशीर्वाद महाराज जी से प्राप्त किया। कलश स्थापना में मुख्य कलश राजेन्द्र कुमार विकास टोनी केसली, तृतीय कलश सुरेंद्र जैन मनीष जैन कर्रापुर परिवार, चतुर्थ कलश संतोष जैन पटना, सुनील जैन, राजेश जैन एडिना कॉलेज पांचवां कलश चक्रेश जैन, राजेश जैन, आशीष जैन पटना, छठवां कलश अरविंद जेन अखिलेश जैन खमरिया वाले, सातवां कलश सुरेंद्र रविंद्र डबडेरा, आठवां विनोद वैसाखिया, संदीप विवेक बैसाखिया नौ वां कलश दीपक, अंकुर बहेरिया ने लिया। मुकेश जैन ढाना ने भाग्योदय तीर्थ में बन रहे सर्वतोभद्र जिनालय निर्माण कार्य की पूरी जानकारी दी और चातुर्मास कलश स्थापना
के संदर्भ में अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी प्रदीप भैया अशोकनगर ने किया।
गुरु पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर भाग्योदय तीर्थ में मंगलाचरण सागर और बाहर से आए हुए बच्चों ने नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किए सांगानेर जयपुर की बहनों ने आचार्य श्री कि पूजन भक्तिभाव से कर गुरुदेव को याद किया।
राजस्थानी भाषा में पंकज जैन भीलवाड़ा ने निर्यापक मुनिश्री सुधा सागर महराज की पूजन कराई पूरा पंडाल भक्ति मय में परिवर्तित हो गया।
आज के इस कार्यक्रम में सागर जिले के अलावा मध्यप्रदेश के कई स्थानों. से, उत्तर प्रदेश में ललितपुर, झांसी, आगरा, राजस्थान के कोटा, जयपुर, केकड़ी, दिल्ली आदि स्थानों के हजारों भक्त सागर पहुंचे और मुनिश्री का आशीर्वाद लेकर गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया।