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मोदी जी जनता ने आपको तीसरा कार्यकाल दिया अब रिटर्न गिफ्ट में महंगाई में लगाम की उम्मीद लगाए बैठी है 

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  • एक साल में महंगाई 18 से 25 प्रतिशत बढ़ी लेकिन आमदनी नही – घर चलाना हुआ दूभर
  • तीसरे कार्यकाल के प्रथम बजट पूर्व जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री को लिखा पत्र – आगामी बजट में परचून , दूध , दवाई , सब्जियों व शिक्षा से सम्बंधित सामग्री की बढ़ती मूल्यवृद्धि पर लगाम लगावें

नई दिल्ली | मोदी जी के दस वर्षों के कार्यकाल की तरह ही तीसरे कार्यकाल के आरम्भ से ही दैनिक उपयोग की वस्तुओं में बेतहाशा मूल्यवृद्धि ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है । आमदनी , नौकरी ज्यों की त्यों और केवल एक वर्ष में रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि महंगाई ने आमआदमी के जीवन स्तर को कमतर कर दिया है , ट्रस्ट ने बाज़ार का व नौकरीपेशा लोगों , मजदूरों , मध्यमवर्गीय परिवारों में सर्वे कर पाया कि जीवनयापन बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है । कोचर व चोपड़ा ने बताया कि भारतीय रसोई की जान मसाले 22 प्रतिशत महंगे हुए हैं । शक्कर 18℅ से 22% , दालें 10℅ , विभिन्न अनाज में 16% , चाँवल में 25% , दूध में 10% , उड़द दाल में 20% , धी में 30% , खाद्य तेल 22% ,आटा 18% दामों की वृद्धि सामने आई है । आज छोटे से परिवार व कमजोर आमदनी के साथ बच्चों के लालन पालन में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है , सब्जियों व रोजमर्रा की सामग्री के साथ शिक्षा में उपयोगी स्टेशनरी के दामों में 25% की महंगाई आई है । कोचर व चोपड़ा ने कहा कि आमजनों के लिए दवाइयों के दामों का बोझ कमर तोड़ रहा है । राजनैतिक दलों द्वारा दवा निर्माताओं से चंदा लेकर उन्हें मुल्य वृद्धि की छूट दी जा रही है वर्षभर में रोज लेने वाली दवाओं के मूल्यों में 25 से 50% तक की अनियंत्रित वृद्धि हुई है । जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है । जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा कि 24 – 25 के आम बजट में आमआदमी ने राहत की उम्मीद लगा रखी है , पेट्रोल , डीज़ल , गैस सिलिंडर , टोल प्लाजा के दामों में राहत की उम्मीद लगाई जनता मोदी जी के तीसरे कार्यकाल के प्रथम बजट से उम्मीद लगाए बैठी है । महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री से संवेदनशील कदम उठाने की मांग रखी है ।