Home धर्म रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का हीरक जन्मजयंती हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ

रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का हीरक जन्मजयंती हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ

15
0
  • श्रुतपंचमी पर्व विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न

श्री भगवान ऋषभदेव दिगम्बर जैन मन्दिर रायगंज जैन मंदिर में पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का ७५वों हीरक जन्मजयंती महोत्सव अनेक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न किया गया सर्वप्रथम शास्त्रजी को पालकी में विराजमान करके बैंड बाजे के साथ पालकी यात्रा निकाली गई। वरिष्ठ जैन साध्वी भारतगौरव चारित्रचन्द्रिका गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के ससंघ सानिध्य में पालकी यात्रा निकाली गई जिसमें सम्पूर्ण जैन साध्वियों एवं जैन शृद्धालुगण मस्तक पर शास्त्र रखकर चल रहे थे बैंड बाजे के साथ यात्रा निकाली गई। मुख्य मन्दिर में विराजमान अगवान ऋषभदेव की ३१ फूट उत्तुंग प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक सम्पन्न किया गया जिसमें जल व दूध से भक्तों ने प्रतिमा का अभिषेक किया इसी शृंखला में श्रुतपंचमी महापर्व के अवसर पर शास्त्र जिनवाणी का पंचामृत अभिषेक सम्पन्न किया गया जैन मान्यतानुसार २००० वर्ष पहले आज ही के दिन शास्त्र लेखन का कार्य प्रारम्भ हुआ उससे पूर्व श्रुत की परम्परा नहीं थी एक से दूसरे व्यक्ति को सुनकर ही जान हो जाता था।

इस अवसर पर जैन मंदिर धर्म पीठ के पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामी का ७५वों हीरक जन्मोत्सव विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया जिसमें सर्वप्रथम ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ, ध्वजारोहण के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री जम्बूप्रसाद जी जैन-गाजियाबाद एवं कुलाधिपति श्री सुरेश जैन-मुरादाबाद के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। बाराबंकी महिला मंडल की महिलाओं के द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया एवं इस अवसर पर पूज्य ज्ञानमती माताजी ने अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि पौठाधीश सदैव निरोगी दीर्घायु एवं स्वस्थ रहे एवं देश व समाज को अपनी सेवाएँ देते रहें। धर्म की सेवा में जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया ऐसे महान साधक के लिए आशीर्वाद।

श्री विजय कुमार जैन मंत्री अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी ने बताया कि पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति के ७५वें जन्मोत्सव पर एक अभिनंदन ग्रंथ का प्रकाशन किया गया जिसका विमोचन आए हुए अतिथियों के द्वारा कराया गया इसी शृंखला में कुलाधिपति श्री सुरेशचंद जी ने अपने उद्‌गार व्यक्त किए एवं इन्दौर से आए हसमुख जी गाँधी के द्वारा विन्यांजलि समर्पित की गई न्यायमूर्ति श्री के. यू. चाँदीवाल- औरंगाबाद (महा.) स्वामीजी के लिए अपनी विन्यांजलि समर्पित की कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के अनेक पदाधिकारियों ने माल्यार्पण व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया एवं इस अवसर पर प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने पूज्य स्वामी के दीर्घायु व शतायु होने का मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन श्री जीवन प्रकाश जैन-हस्तिनापुर ने किया।

स्वामीजी ने पूज्य माताजी से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया एवं माताजी के चरण प्रक्षाल किए। ब्रचारिणी बहनों ने स्वामीजी के मस्तक पर रजत पुष्प क्षेपण किए इसी शृंखला में ७५ थाल मेवा मिष्ठान फल आदि के सभी लोगों में वितरित किए गए इस अवसर पर बाराबंकी, फतेहपुर, दरियाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली, मेरठ, लखनऊ, औरंगाबाद, टिवैश्तनगर, महमूदाबाद आदि स्थानों से भक्तगण पधारे। कार्यक्रम के अन्त में पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का चरण प्रक्षाल संघपति श्री अनिल कुमार जैन-दिल्ली ने किया।