लखनऊ । सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस ने 40 नेताओं को स्टार प्रचारकों तो बनाया लेकिन मैदान में एक चौथाई भी सक्रिय नहीं दिखे। छह चरणों का चुनाव समाप्त हो जाने के बाद भी प्रत्याशियों को कुछ पूर्व प्रदेश अध्यक्षों तक के दर्शन नहीं हुए, जिन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया है।
सपा के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस यूपी की 80 लोकसभा में से महज 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। स्टार प्रचारकों में पार्टी ने राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश के उन नेताओं को भी शामिल किया, जिनकी संगठन या किसी संवैधानिक पद पर रहने से जनता में पहचान है। चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने तो जमकर पसीना बहाया लेकिन किसी न किसी वजह से अन्य स्टार प्रचारक अपेक्षाकृत कम सक्रिय रहे।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी चुनाव प्रचार में सक्रिय दिखे। इसके विपरीत कई पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की चुनाव प्रचार में अपेक्षित सक्रियता नहीं दिखी। इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सलमान खुर्शीद, राजबब्बर, डॉ. निर्मल खत्री, अजय कुमार लल्लू व बृजलाल खाबरी जैसे नेता भी शामिल हैं। इनमें डॉ. खत्री के बारे में बताया गया कि वह बीमार चल रहे हैं, जबकि राजबब्बर को बाद में गुरुग्राम (हरियाणा) से चुनाव मैदान में उतार दिया गया।
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय राय स्वयं वाराणसी से चुनाव मैदान में होने की वजह से अन्य सीटों पर चुनाव प्रचार में अपेक्षित समय नहीं दे पाए, जिससे कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ पर ज्यादा जिम्मेदारी आ गई। इसी तरह स्टार प्रचारक बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी खुद प्रत्याशी होने की वजह से झांसी से बाहर नहीं निकल पाए।
पार्टी प्रत्याशियों को संगठनात्मक मदद प्रदेश प्रभारी व सह प्रदेश प्रभारियों से मिली तो चुनाव में जनसभाओं या रोड शो के मामले में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का सहारा मिला। स्टार प्रचारक की सूची में शामिल कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने भी चुनाव प्रबंधन में भूमिका निभाई।