बीजापुर | छत्तीसगढ़ में पीड़िया मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए आवापल्ली से उसूर जाने वाली सड़क को तोड़कर बैनर-पोस्टर लगाकर 26 मई को बंद करने का आह्वान किया है। 10 मई को पीड़िया में माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसको फर्जी बताया गया था और 26 मई को बंद करने का आह्वान किया था। साथ ही नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव सरकार को आदिवासी विराधी बताते हुए पर्चे फेंके थे।
पुलिस ने की कोशिश नाकाम
जिसके बाद नक्सलियों ने रास्त की सड़क तोड़ दिया था, लेकिन जवानों ने नक्सलियों की इस कोशिश को विफल करते हुए फिर से सड़क निर्माण करवा दिया। बीजापुर एडिशनल एसपी चंद्रकांत गर्वना ने इसपर कहा कि दो-तीन स्थानों की सड़कों को काटा गया था, जेसे ही हमें इस बारे में जानकारी मिली हमारी टीम मौके पर पहुंचकर सड़क को एक बार फिर दुरुस्त कर दिया। साथ ही सड़क पर आम लोगों के लिए एक बार फिर खोल दी गई है।
क्या है मामला
दरअसल, 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच पीडिया में मुठेभेड़ हुई थी, जिसको नक्सलियों ने फर्जी मुठभेड़ को बताया था। खास बात यह है कि इस मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने ढेर करने का दावा किया था। जिसके बाद नक्सलियों ने पर्चे बांट कर विरोध करने का ऐलान किया था।
साथ ही नक्सलियों ने बंद से एक दिन पहले बीजापुर उसूर सड़क को बाधित कर दिया था। बता दें कि नक्सलियों ने सड़क खोदकर बीच में बैनर और पर्चे लगाए थे। आवापल्ली- उसूर मार्ग पर सीतापुर के पास नक्सलियों ने आधा दर्जन से भी ज्यादा गड्ढे खोद दिए थे।