पश्चिम बंगाल| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के हालिया फैसले की सराहना की और कहा कि 2010 में टीएमसी द्वारा किए गए असंवैधानिक फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। पश्चिम बंगाल की सीएम-टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा को छूते हुए 2010 में 118 मुसलमानों को जबरदस्ती ओबीसी श्रेणी में जोड़कर आरक्षण दिया। इसका मतलब है कि वे जानबूझकर ओबीसी के अधिकारों को छीन रहे थे। इस असंवैधानिक फैसले को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार को करारा तमाचा मारते हुए रद्द कर दिया। यह असंवैधानिक था और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। हमें देश में ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए जिससे देश का विभाजन हो भारतीय संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण देने की अनुमति नहीं देता है।
लगभग 5 लाख ओबीसी प्रमाण पत्र हो जाएंगे अमान्य
बता दें, 22 मई को जारी कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश में पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग को 1993 के अधिनियम के अनुसार ओबीसी की नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। 2010 से पहले ओबीसी सूची में शामिल व्यक्तियों की स्थिति बरकरार रहेगी, जबकि 2010 के बाद किए गए नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे। अनुमान है कि इस निर्णय के परिणामस्वरुप लगभग 5 लाख ओबीसी प्रमाण पत्र अमान्य हो जाएंगे। हालांकि, जिन व्यक्तियों ने ओबीसी कोटे के तहत नौकरी हासिल की है या उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं, वे प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें कोटे से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
ओबीसी आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा- ममता बनर्जी
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने के कुछ घंटों बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वह निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगी और ओबीसी आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा। दमदम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत खरदाह में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने भाजपा पर हमला किया और अदालत के आदेश के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि आज भी मैंने एक जज को आदेश देते हुए सुना, जो बहुत मशहूर हैं। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक तपशीली आरक्षण छीन लेंगे, क्या ऐसा कभी हो सकता है? अल्पसंख्यक तपशीली या आदिवासी आरक्षण को कभी छू नहीं सकते, लेकिन ये शरारती लोग (भाजपा) एजेंसियों के ज़रिए अपना काम करवा लेते हैं, उन्होंने किसी के ज़रिए आदेश हासिल कर लिया है, लेकिन मैं इस राय को नहीं मानूंगी… जिन्होंने आदेश दिया है, उन्हें इसे अपने पास रखना चाहिए, हम भाजपा की राय को नहीं मानेंगे, ओबीसी आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के सभी प्रमाण पत्रों को रद्द करने के फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) की आलोचना की और टीएमसी को भ्रष्ट और घुसपैठियों का समर्थन करने वाली सरकार करार दिया। मौर्य ने कहा कि कांग्रेस ने देश में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिकारों को लूटकर उनके साथ अन्याय किया। मैं 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फ़ैसले का स्वागत करता हूं। ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को ये प्रमाण पत्र जारी किए थे।