Home बिलासपुर हिंदू नववर्ष आज सबसे खास, शोभायात्रा में सिंहासन पर होंगे रामलला

हिंदू नववर्ष आज सबसे खास, शोभायात्रा में सिंहासन पर होंगे रामलला

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  • पुलिस मैदान से शाम चार बजे निकलेगी भव्य शोभायात्रा
  • चेट्रीचंड महोत्सव, उगादी और गुड़ी पाड़वा पर्व भी आज
  • 500 भक्त गाएंगे भजन, अलग-अलग समाज की होगी झांकी
बिलासपुर- हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2081 का प्रारंभ नौ अप्रैल को हो रहा है। सूर्योदय के साथ संस्कारधानी में इस दिन को खास बनाने हिंदू परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शहर में भव्य शोभायात्रा निकालेगी। सिंहासन पर रामलला होंगे। शोभायात्रा में प्रमुख झांकी प्रयागराज के हनुमान होंगे। साथ ही समाज प्रमुखों का सम्मान होगा।

सनातनी भाई-बहनों ने हिंदू नववर्ष को खास बनाने एक के बाद एक मैराथन बैठकें की। नगर के सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों, भजन मंडलियों के सदस्य पदाधिकारी और महिलाएं उपस्थित हुए। नववर्ष की तैयारी को लेकर सभी ने एकजुटता का परिचय दिया। नववर्ष शोभायात्रा का नेतृत्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामजी की झांकी के रूप में रहेगी। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय पुलिस ग्राउंड से संध्या चार बजे पूजा-अर्चना के पश्चात यह शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए सत्यम चौक, अग्रसेन चौक, तारबाहर चौक, शिव टाकीज चौक, गांधी चौक, जूना बिलासपुर, सदर बाजार, गोल बाजार मुख्य मार्ग होते हुए तिलक नगर स्थित हनुमान मंदिर में महाआरती एवं प्रभु अर्चना के साथ संपन्न होगी। इस वर्ष शोभायात्रा अपना एक मील का पत्थर स्थापित कर रही है और अपने दसवें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इसे लेकर सभी उत्साहित हैं।

लोक नृत्य पंथी, करमा व राउत नाचा

शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य पंथी, करमा, राउत नाचा के साथ ढोल ताशे, बैंड ,डीजे, धुमाल, हनुमान जी की चलित झांकी, श्री श्याम दरबार एवं रामलला विशेष झांकी होगी। तय योजना के अनुसार, सबसे आगे चलित ऑर्केस्ट्रा रहेगा, जिसमें भगवान के भजनों की प्रस्तुति गायकों द्वारा दी जाएगी। उसके बाद रामपुर का करमा नृत्य रहेगा। इसमें महिलाओं के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। उसके बाद प्रभु राम की 12 फीट की प्रतिमा के साथ प्रभु राम शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगे। रामजी की प्रतिमा के पीछे मातृ शक्तियों चलेंगी, फिर धुमाल रहेगा। उसके बाद रथ में राम दरबार की झांकी होगी। इसमें रामजी, मां सीता, लक्ष्मण भगवान और बजरंगबली रहेंगे। फिर शिव पार्वतीजी की झांकी रहेगी। उसके बाद राधा-कृष्ण की झांकी रहेगी।

500 भक्त गाएंगे भजन, अलग-अलग समाज की होगी झांकी

राधा-कृष्ण की झांकी के पीछे पीछे बैंड रहेगा। इसमें जबलपुर का घोड़ा नृत्य अपनी प्रस्तुति देगा। फिर चार घोड़े में शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती की झांकी रहेगी। इसी कड़ी में दुर्ग का धुमाल, फिर अहिरवार समाज की झांकी रहेगी। श्याम दरबार की झांकी में 500 भक्तों की ओर से भजन प्रस्तुत किया जाएगा। उनके पीछे हनुमान जी की झांकी रहेगी। बनारस के हनुमान जी नित्य करते चलेंगे। इसके बाद अलग-अलग समाज की झांकियां रहेंगी, जिसमें क्रमश: क्षत्रिय समाज, ब्राह्मण समाज, मराठा समाज, कल्चुरी समाज की झांकी शामिल हैं। ब्रह्मकुमारी प्रजापति की झांकी भी इसमें शामिल रहेगी।

बाक्स-

ये भी होंगे खास

संदीप धुमाल

प्रभु कृपा धुमाल

बंटी धुमाल

तिरंगा धुमाल

राम धुमाल

दुर्ग का राधा रानी धुमाल

राज बैंड

राउत नाचा

पंथी नाच

अखाड़ा

श्रीराम जन्म से रावण वध का दिखेगा दृश्य

तिलक नगर हनुमान मंदिर में महाआरती के बाद देवकीनंदन स्कूल प्रांगण में जबलपुर का चलित रामायण प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें रामजी के जन्म से रावण वध का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाएगा। राम जी के भजन का कार्यक्रम भी होगा। वहीं रास्तेभर विभिन्न संगठनों की ओर से शोभायात्रा का स्वागत भी किया जाएगा।

समाज प्रमुखों का होगा सम्मान

शोभा यात्रा के समापन के पश्चात हिंदू नववर्ष आयोजन समिति की ओर से समाज प्रमुखों का श्रीफल साल के साथ सम्मान भी किया जाएगा। यह सम्मान पुरोहित करेंगे। तिलक नगर हनुमान मंदिर समापन स्थल पर प्रभु श्रीराम के चित्रों का वर्णन भी किया जाएगा। राजा विक्रम आदित्य जिनके नाम से विक्रम संवत मनाया जाता है उनका भी परिचय बिलासपुर की जनता को कराया जाएगा। हिंदू नववर्ष आयोजन समिति ने अधिक से अधिक संख्या में नगरवासियों को सम्मिलित होने की अपील भी की है।