- पौराणिक मान्यता है भद्रा काल शुभ नहीं होता है।
- 24 मार्च को सुबह 09.54 बजे से भद्रा की शुरुआत होगी।
- भद्रा का समापन रात 11.13 बजे होगा।
देशभर में हर साल होली पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। धुलेंडी पर्व के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है और हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष होलिका दहन 24 मार्च को है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, होलिका दहन पर इस दौरान चंद्र ग्रहण के साथ भद्रा का साया रहेगा। यहां जानें होलिका दहन पर पूजा का शुभ मुहूर्त |
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और समय
- पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च, 2024 – सुबह 09.54 बजे से।
- पूर्णिमा तिथि समाप्त 25 मार्च, 2024 – दोपहर 12.29 बजे तक।
शुभ नहीं होता है भद्रा काल
पौराणिक मान्यता है भद्रा काल शुभ नहीं होता है और इस पूजा के अलावा कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 24 मार्च को सुबह 09.54 बजे से भद्रा की शुरुआत होगी। भद्रा का समापन रात 11.13 बजे होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 को रात 11.14 बजे से लेकर देर रात 12.20 बजे तक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 मार्च भद्रा पूंछ शाम 06.33 बजे से लेकर रात 07.53 बजे तक रहेगी और भद्रा मुख रात 07.53 बजे से लेकर रात 10.06 बजे तक रहेगी।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
ॐ होलिकायै नम:
परम भक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।
होलिका भस्म का मंत्र
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।
अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’