- Shankaracharya Hill का सबसे पहली बार उल्लेख कल्हण के साहित्य में मिलता है।
- कल्हण ने शंकराचार्य हिल को ‘गोपाद्रि’ या ‘गोपा हिल’ कहा है।
- राजा गोपादित्य ने “आर्य देश” से आए ब्राह्मणों को पहाड़ी के नीचे की भूमि दान में दी थी।
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने दूर से Shankaracharya Hill के दूर से दर्शन किए। शंकराचार्य पहाड़ी का दूर से दर्शन करते हुए पीएम मोदी ने फोटो भी शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “थोड़ी देर पहले श्रीनगर पहुंचने पर भव्य शंकराचार्य हिल को दूर से देखने का अवसर मिला।”
जानें क्या है इस पहाड़ी का धार्मिक महत्व
शंकराचार्य हिल जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पास स्थित एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। इस पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर को शंकराचार्य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। करीब 300 मीटर ऊंची ये पहाड़ी मनोरम वादियों के बीच स्थित है। 8वीं शताब्दी में महान भारतीय दार्शनिक व चिंतक आदि शंकराचार्य ने इस पहाड़ी पर तपस्या की थी। इसके बाद ही उन्होंने कश्मीर के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित किया था।
कई ग्रंथों में मिलता है इसका जिक्र
Shankaracharya Hill का सबसे पहली बार उल्लेख कल्हण के साहित्य में मिलता है। कल्हण ने शंकराचार्य हिल को ‘गोपाद्रि’ या ‘गोपा हिल’ कहा है। कल्हण ने इसके बारे में जिक्र करते हुए लिखा है कि राजा गोपादित्य ने “आर्य देश” से आए ब्राह्मणों को पहाड़ी के नीचे की भूमि दान में दी थी। राजा गोपादित्य के नाम पर ही इस क्षेत्र को अब गुपकर भी कहा जाता है।
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