Home रायगढ़ चतुर्थ श्रेणी कर्माचारी को बना दिया राजस्व, राशन कार्ड विभाग प्रभारी

चतुर्थ श्रेणी कर्माचारी को बना दिया राजस्व, राशन कार्ड विभाग प्रभारी

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  • मोदी की गारंटी में शामिल प्रधानमंत्री आवास, राजस्व विभाग आवंटित किया गया है।
  • सीएमओ द्वारा कर्मचारियों के प्रभार में बदलाव किया गया है
  • पांच माह बाद प्रभार बदलने से बना चर्चा का विषय

रायगढ़ :- मनमानी का अजब-गजब किस्सा घरघोड़ा नगर पंचायत के दफ्तर से निकलकर जिला मुख्यालय होते डायरेक्टर तक पहुंच चुकी है। इसके बाद भी पंचायत की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। अब एक नया प्रकरण सामने आते ही पंचयात की राजनीति में उबाल आ गया है। पांच माह पूर्व एक जनप्रतिनिधि के पत्र के आधार पर सीएमओ ने कुछ बाबू तथा भृत्य का पदभार बदल दिया है। दूसरी ओर संबंधित ने दायित्व संभालने में खुद को असक्षम बता दिया है|

दरअसल घरघोड़ा में बहुमत के आधार पर नगर पंचायत की कुर्सी में कांग्रेस की सरकार काबिज है। इससे पूर्व बहुमत नहीं होने के बाद भी नगर पंचायत की कमान पाने में भाजपा में सफल हो पाई गई है। अब यहां नए तहर का खेल चल रहा है।

ताजा प्रकरण नगर पंचायत के कर्मचारियों के प्रभार में फेरबदल करने को लेकर सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक पांच माह पहले नगर पंचायत अध्यक्ष ने सीएमओ से खुद कर्मचारियों के प्रभार में फेरबदल करने की मांग करते हुए एक पत्र लिखा था, अब जब लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगना है, ऐसे में सीएमओ ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों के प्रभार में फेर बदलकर दिया है। सीएमओ द्वारा कर्मचारियों के प्रभार में बदलाव किया गया है जिसमें भृत्य भी शामिल है। इन्हें राज्य तथा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का प्रभार दिया गया है। मोदी की गारंटी में शामिल प्रधानमंत्री आवास, राजस्व विभाग आवंटित किया गया है।

कर्मचारियों के प्रभार एकाएक बदलने से विपक्ष में बैठी भाजपा इसे मुद्दा बनाते हुए नगर पंचायत की कांग्रेस सरकार तथा अधिकारियों पर निशाना साध रही है।

पांच माह बाद प्रभार बदलने से बना चर्चा:

वर्तमान में राज्य में भाजपा की सरकार है। ऐसे में पांच माह पूर्व पत्र पर संज्ञान लेकर प्रभार बदलने पर लोग राजनीतिक चुटकी ले रहे हैं। कोई इसे अदृश्य शक्ति का असर बता रहा है तो कोई भाजपा पार्षदों पर निष्क्रियता का आरोप लगा रहे हैं। नगर पंचायत का यह ताजा मामला लोगों में आम चर्चा का विषय है।

इन सभी के बीच इसी क्षेत्र से जुड़े आदिवासी नेता को भाजपा केंद्रीय समिति ने लोकसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में आने वाले दिनों में आचार संहिता से पहले राजनीतिक बवंडर की सुगबुगाहट चल रही है।

अध्यक्ष और पार्षद द्वारा इन्हें काम दिया जाए करके पत्र दिया गया था, इस आधार पर मैनेज किया जाता है। पद और प्रभार बदलने का कोई रीजन नही रहता। भृत्य द्वारा इस तरह पत्र लिखा गया, इस आधार पर देखेंगे और कार्रवाई करेंगे।