- स्कूल प्रबंधन, कानूनी प्रावधानों, बच्चों की सुरक्षा, बच्चों के अनुकूल व्यवहार, शिक्षकों की भूमिका सहित विभिन्न मुद्दों पर हुई गहन चर्चा
- बच्चे देश का भविष्य, उनका भविष्य शिक्षकों के हाथ, इनके संवारने में अपनी भूमिका निभाएं, बच्चों के साथ संवेदनशील रहें – कलेक्टर श्री भोस्कर
- विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था के हो पुख्ता इंतेजाम, बच्चों एवं अभिभावकों की शिकायत को गम्भीरता से लेकर निराकरण करें-एसपी श्री विजय
अंबिकापुर – कलेक्टर श्री विलास भोस्कर तथा पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल ने शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के सभी अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों के संस्था प्रमुखों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्कूल प्रबंधन, कानूनी प्रावधानों, बच्चों की सुरक्षा, बच्चों के अनुकूल व्यवहार, शिक्षकों की भूमिका आदि के सम्बंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए । कलेक्टर श्री विलास भोस्कर ने विद्यालयों के संस्था प्रमुखों को कहा कि विद्यालय की शुरुआत प्रसन्नता के साथ हो, बच्चों में विद्यालय के प्रति भय न रहे। बच्चे देश का भविष्य हैं और बच्चों का भविष्य आपके हाथ में है, अतः भविष्य संवारने में अपनी भूमिका निभाएं। शिक्षक बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार रखें, उनके अंदर स्वप्रेरणा जागृत करें, यह तभी सम्भव है जब पढ़ाई के साथ उनकी मानसिक क्षमता उभारने का प्रयत्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में एक कक्षा मनोविज्ञान की हो, जिससे बच्चों की सोच विकसित हो। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक विद्यालय के एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ये शिक्षक अन्य शिक्षकों तथा अभिभावकों को बच्चों के मनोविज्ञान को समझने की जानकारी देंगे, ताकि बच्चों के मन को समझकर उनकी समस्या का समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्यालय की पूरी जिम्मेदारी प्राचार्य की है, शिक्षकों की बैठक लें तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कर्तव्यनिष्ठा से बेहतर वातावरण का निर्माण करें। बालमन बहुत संवेदनशील है, शिक्षक इसे समझें, हर कक्षा की शुरुआत में उनसे बात करें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी स्वयं जाएंगे। जिला प्रशासन आपके साथ है, बच्चों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल ने कहा विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने अभी से सक्रिय हो जाएं। पालक अपने बच्चों का दाखिला विश्वास के साथ विद्यालय में करवाते हैं, अतः आप सबकी जिम्मेदारी उस विश्वास को बनाए रखने की है। बच्चों के साथ संवेदनशील रहें, संवेदनशीलता से किसी भी प्रकार की समस्या हल हो सकती है। समय-समय पर अभिभावक शिक्षक बैठक कर समस्याओं और जरूरतों के विषय में चर्चा करें, पढाई से सम्बंधित चर्चा के साथ प्रत्येक बच्चे का विद्यालय और घर में व्यवहार के विषय मे जानकारी लें, अभिभावकों की भावनाओं को समझने का प्रयास करें। मुख्य रूप से विद्यालय में शिकायत पेटी की व्यवस्था करें, गोपनीयता के लिए सीसीटीवी कैमरे से दूर रखें ताकि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय हो। शिकायत पेटी महिला थाना प्रभारी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा खोली जाए, जिससे बच्चों और अभिभावकों की समस्या का समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन कानूनी प्रावधानों का अनुपालन करना सुनिश्चित करें, विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतेजाम हो, सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था हो। वाहनों में सुरक्षा मानकों का पालन हो, इसके लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें, सुरक्षा सम्बन्धी सभी व्यवस्था सुनिश्चित करें, समय-समय पर वाहनों का फिटनेस जांच करवाएं। उन्होंने विद्यालय प्रमुखों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतों को गम्भीरता से लें और निदान करें,लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विद्यालय प्रबंधन अपनी नैतिक जिम्मेदारी पूरी करें । बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री नूतन कंवर, एएसपी श्री पुपलेश, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ संजय गुहे, एसडीएम अम्बिकापुर श्री फागेश सिन्हा, जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी तथा सभी अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों के संस्था प्रमुख उपस्थित थे।