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प्रधानमंत्री जनमन योजना: सभी लक्ष्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश

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  • आदिम जाति विभाग के सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय योजनाओं की समीक्षा

रायपुर – आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने प्रदेश स्तरीय विभागीय अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक लेकर प्राथमिकता के साथ प्रधानमंत्री जनमन योजना को समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरी तन्मयता से कार्य करें। मोबाइल एप सर्वे के आंकड़ों को अपडेट किया जाए। प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (पीवीटीजी) बसाहट के आस-पास शिविर लगाकर हितग्राहियों का आधार कॉर्ड, राशन कॉर्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कॉर्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही सभी हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए गए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों ने बताया कि पीएम जनमन योजना के अंतर्गत त्वरित रूप से पूर्ण किए जा सकने वाले लगभग 50 प्रतिशत लक्ष्यों को अब तक पूरा कर लिया गया है। शेष लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया जा रहा है। शीघ्र ही इन्हें प्राप्त कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पीएम जनमन योजना के तहत 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाना है। इन गतिविधियों में पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल, समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्द्धन हेतु कौशल विकास शामिल है।
सचिव श्री दुग्गा ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों एवं उनकी बसाहटों का संपूर्ण विकास करना ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है। इन सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन मिशन मोड में तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को आवश्यकता के अनुरूप अधोसरंचनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाना है। इसे संपन्न करने हेतु सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिले के सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।