- छत्तीसगढ़ के सियासी रण में तीसरा मोर्चा में बिखराव
- छत्तीसगढ़ में आप ने अब तक जारी की 33 उम्मीदवारों की सूची
- 2023 में बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच समझौता
रायपुर – छत्तीसगढ़ के सियासी रण में तीसरा मोर्चा बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, जकांछ, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, छत्तीसगढ़ियां क्रांति सेना, शिवसेना आदि तीसरे मोर्चे में शामिल हैं, लेकिन इनमें गठबंधन मजबूत नहीं हो पाया है । आप ने अभी तक 33 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। आम चुनाव के लिए जहां इंडियन नेशनल डवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आइएनडीए) का समझौता हो चुका है, वहीं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में ऐसी कोई स्थिति देखने को नहीं मिल रही है।
एक-दूसरे के आमन-सामने लड़ेंगे आप और कांग्रेस
आप और कांग्रेस के बीच एक-दूसरे के आमन-सामने नजर आ रहे हैं, जबकि केंद्र में दोनों पार्टियां समझौता करके चुनाव लड़ने वाली है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं तीसरे मोर्चे में शामिल जकांछ को पांच और बसपा को दो सीटों से संतुष्ट होना पड़ा था। छत्तीसगढ़ में आप का खाता नहीं खुल नहीं पाया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच समझौता हो चुका है, वहीं जकांछ गठबंधन के रास्ते तलाश रही है। आप ने चुनाव के पहले भाजपा-कांग्रेस में तोड़-फोड़ जरूर की है, लेकिन कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा आप को नहीं मिल पाया। सूत्रों के मुताबिक आप को अभी भी छत्तीसगढ़ में बड़े राजनीतिक चेहरे की तलाश है, जो कि पूरी नहीं हो पाई है। पार्टी ने अभी तक प्रदेश में 33 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव में पूरे 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने का एलान किया गया है। 19 अगस्त को अरविंद केजरीवाल के रायपुर दौरे के दौरान आम आदमी पार्टी ने दिल्ली-पंजाब की तर्ज पर यहां भी गारंटियों की घोषणा की। छत्तीसगढ़ में भी 10 गारंटी देने का एलान किया गया है, जिसमें बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही धान का समर्थन मूल्य शामिल हैं। आप के प्रदेशाध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने साफ किया है कि छत्तीसगढ़ में हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, वहीं 90 सीटों पर विधानसभा प्रत्याशी उतारेंगे।