एलोरा – आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम सिस्य, ओजस्वी वक्ता, तपस्वी साधक मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज महाराष्ट्र प्रांत की अंतराष्ट्रिय पर्यटन स्थली ऐलोरा में विराजित है। यहाँ की गुफायें विश्व प्रसिद्ध है। राजा चकरेश्वर के द्वारा बनाई गई गुफाओं में प्रतिदिन मुनि श्री जाते हैं। वहाँ बैठकर गुफाओं की उस पुरातन उर्जा को महसूस करते हैं। वे पिछले 40 घण्टे के प्रतिमायोग मे पहाड़ पर पार्श्वनाथ भगवान के समक्ष बैठे थे । इस दौरान एक बड़ा सर्प भी आया वे अपने आसन से चलायमान नही हुये । पूज्य मुनिवर इसी तरह के एकांत स्थान में घंटो बैठे रहते हैं। आचार्य श्री कि पंक्तियाँ तन, मिला,तुम तप करो- करो कर्म का नाश ऐसे साधक को देखकर चरितार्थ लगती है। मुनि श्री का २० वर्ष से नमक एवं शक्कर का त्याग है। लगभग 5 वर्ष से हरी सब्जी फल आदि का भी त्याग | ऊनोदर, रस परित्याग, वृतिपरिसख्यान तो उनका प्रतिदिन की चर्या में हो गया । वे सदैव कहते हैं एवरी थिंग इस पोशीवल – बिलीव इट” हमें भी उन जैसी शक्ति एवं आत्म विश्वास प्राप्त हो जाये । विभिन्न कार्यक्रमों एवं दोनो मुनिराजो की कठोर साधना के साथ ऐलोरा का यह वर्षायोग चल रहा है ।