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रामकृष्ण केयर हास्पिटल में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक से एंजियोप्लास्टी के जटिल केस का हुआ सफल इलाज

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छत्तीसगढ़ में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी का उपयोग करने वाला पहला मामला

रायपुर (विश्व परिवार)। अपनी उच्च चिकित्सकीय सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध  रामकृष्ण केयर हास्पिटल (आरकेसीएच)रायपुर में अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम ने एंजियोप्लास्टी के एक जटिल मामले का समाधान सफलतापूर्वक इलाज के साथ पूरा किया है।  इस प्रक्रिया में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी नामक एक नई तकनीक का उपयोग शामिल किया गया और छत्तीसगढ़ में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी का उपयोग करने वाला यह पहला मामला हैं। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और जल्द ही उसे छुट्टी दी जा रही है।

72 साल के एक मरीज को सीने में दर्द और कार्य करने पर सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मरीज व परिजनो ने रामकृष्ण केयर हास्पिटल(आरकेसीएच)में संपर्क करते हुए चिकित्सकीय परामर्श किया, डाक्टरों ने एंजियोग्राफी करने पर पाया कि दिल की रक्त वाहिकाओं में कई रुकावटें थीं जिन्हें कोरोनरी कहा जाता है। मरीज की स्थिति भी गंभीर थी और ओपन हार्ट सर्जरी करना मतलब उच्च जोखिम वाला काम था। डॉ जावेद अली खान ,डॉ शैलेष शर्मा और डॉ जावेद परवेज के नेतृत्व में हृदय रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने मरीज पर उच्च तकनीक वाली प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया। डॉ जावेद ने मीडिया को बताया कि मरीज के दिल की रक्त वाहिकाओं में बहुत अधिक कैल्शियम था, कई रुकावटों ने उनकी स्थिति को गंभीर और चिकित्सकीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया। तब ऐसी स्थिति में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी के उपयोग से कैल्शियम के इलाज और रुकावटों को दूर करने में मदद मिली। मरीज की सेहत में काफी तेजी से सुधार हो रहा है और 2 दिनों में उसे छुट्टी दे दी जाएगी। इस तकनीक के बिना उक्त मरीज का इलाज करना असंभव था।

कमजोर और अधिक उम्र के बुजुर्गों में कई रुकावटों के साथ उच्च जोखिम वाले मामलों पर अक्सर बायपास सर्जरी जैसी बड़ी सर्जरी कर पाना अनुपयुक्त होता हैं। चिकित्सा उपचार के बावजूद सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई वाले मरीजोंं का उपचार के लिए इस मौजूदा तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।  यह ऐसे सभी मामलों में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी को सुरक्षित और आसान बनाने वाले रक्त वाहिकाओं से कैल्शियम को हटाने में मदद करता है। आरकेसीएच के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप दवे ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी और मीडिया को बताया कि इस तरह के हाई रिस्क केसेस हास्पिटल में नियमित रूप से सफलतापूर्वक किए जाते हैं। टीम किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और छत्तीसगढ़ के लोगों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह राज्य में ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी का उपयोग करने वाला पहला मामला है।